अमरावती: चंद्रबाबू नायडू के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट से विश्‍व बैंक ने खींचा हाथ, आंध्र में सियासी बवाल

अमरावती
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के विकास से विश्‍व बैंक के हाथ खींचने के बाद राज्‍य में सत्‍तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस और विपक्षी टीडीपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। 4,900 करोड़ रुपये की यह परियोजना टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू का ड्रीम प्रॉजेक्‍ट माना जाता है। विश्व बैंक ने अमरावती विकास परियोजना के लिए 30 करोड़ डॉलर के कर्ज प्रस्ताव को 'छोड़' दिया है। इसके बाद आंध्र की राजनीति गरमा गई है। खासकर चंद्रबाबू नायडू और सीएम जगनमोहन रेड्डी के बीच जुबानी जंग तीखी होती जा रही है।

आंध्र प्रदेश में मई में वाईएसआर कांग्रेस के सत्‍ता में आने के बाद सीएम जगनमोहन रेड्डी ने पैसे के कथित गलत इस्‍तेमाल और लंबित कामों की जांच करवाई थी। करीब 2000 करोड़ रुपये के लोन से वर्ष 2016 में काम शुरू कराने वाले नायडू ने शुक्रवार को इस मसले को विधानसभा में उठाया। उन्‍होंने कहा, 'आप बार-बार (विश्‍व बैंक को) झूठी शिकायतें भेजते थे….अब आप सत्‍ता में हैं, आप अपने फैसले से लोगों को डरा रहे हैं, इसी वजह से बैंक अपने फैसले से पीछे हटा है।'

उधर, आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा है कि विश्‍व बैंक को इस परियोजना में कई खामियां मिली थीं। सरकार के मुख्य सचेतक जी. श्रीकांत रेड्डी ने पलटवार करते हुए कहा कि नायडू की ज्यादतियों के कारण विश्वबैंक ने कर्ज देने से मना किया है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में किसानों की ओर से की गई शिकायतों को बड़े पैमाने पर ध्यान में रखा गया है।

'जबरन उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण'
किसानों ने अपनी शिकायत में कहा था कि पूर्ववर्ती चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने राजधानी के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण (लैंड पूलिंग) के नाम पर जबरन उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया। इससे पहले विश्व बैंक के एक अधिकारी ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा , 'भारत सरकार ने प्रस्तावित अमरावती सतत बुनियादी ढांचा एवं संस्थागत विकास परियोजना के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक से किए अपने कर्ज अनुरोध को वापस ले लिया है।'

अधिकारी ने कहा कि बैंक के निदेशक मंडल को यह सूचित कर दिया गया है कि सरकार के आदेश के बाद प्रस्तावित परियोजना पर अब तैयारी नहीं की जा रही है। उन्होंने केंद्र के फैसले के पीछे के कारण पर कहा, 'विश्व बैंक भारत सरकार की अंदरूनी बातचीत की प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा।' आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण के आयुक्त लक्ष्मी नरसिम्हा ने बताया कि इस संबंध में आर्थिक मामलों के विभाग से 'कोई सूचना' नहीं मिली है कि केंद्र ने कर्ज अनुरोध वापस क्यों लिया है।

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