अभिषेक मिश्रा हत्याकांड, अभियुक्तों ने हत्या से किया इंकार

दुर्ग
बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में सोमवार को अभियुक्त अजीत सिंह व किम्सी जैन का मुलजिम बयान हुआ। दोनों ही अभियुक्तों ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए अभिषेक की हत्या करने से इंकार कर दिया है। 15 नवम्बर को प्रकरण पर अंतिम जिरह होगी, जिसमें अभियुक्त किम्सी का बयान फिर से दर्ज किया जाएगा।

अभिषेक हत्याकांड की सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट में अभियुक्त किम्सी कम्बोज (जैन) तथा अजीत सिंह का मुलजिम बयान हुआ। दोनों ही अभियुक्तों ने हत्या के इस मामले में पुलिस द्वारा शक के आधार पर फंसाए जाने का आरोप लगाया। मामले में बचाव पक्ष की अधिवक्ता उमा भारती साहू ने एक आवेदन पेश कर किम्सी का बयान फिर से लिए जाने का अनुरोध किया। इस आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. 15 नवम्बर को किम्सी का फिर से बयान होगा, साथ ही उसके द्वारा प्रकरण से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे।  अभिषेक मिश्रा हत्याकांड प्रकरण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीके मिश्रा की कोर्ट में मुलजिम बयान लिया गया। अभियुक्त किम्सी जैन ने कोर्ट को बताया कि अभिषेक मिश्रा से उसकी पहचान तब से थी जब वह कॉलेज में कार्य करती थी। वर्ष 2014 से उसने काम छोड़ दिया था। सिर्फ खेल को लेकर ही मोबाइल पर बात होती थी या मैसेज भेजते थे। किम्सी ने बताया कि टेनिस टूनार्मेंट में रायपुर रेंजर्स की टीम को अभिषेक ने खरीदा था एवं उसके लिए स्पांसर की तलाश थी। मेल के जरिए ही वह खेल से संबंधित मैसेज भेजता था। उस मैसेज को वह आगे स्पांसर के लिए लोगों को भेजती थी। घटना के दिन या उससे पहले खेल को लेकर ही मैसेज होता था। किम्सी ने कोर्ट में कहा कि उसका इस हत्या में कोई हाथ नहीं है और वह निर्दोष है। इस प्रकरण के अभियुक्त अजीत सिंह ने कोर्ट में दिए अपने मुलजिम बयान में कहा कि मैं अभिषेक को जानता व पहचानता नहीं था। मैंने उसे नहीं मारा है। घटनास्थल वाला स्मृति नगर का मकान पुलिस द्वारा हमारा बताया जा रहा है जो कि गलत है। उस मकान में वह या किम्सी या उसका परिवार कोई निवास नहीं करता था। हमारा मकान चौहान टाउन में है. इस हत्याकांड में जबरन मुझे फंसाया गया है।

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