अभिव्यक्ति की आज़ादी हेतु मैं मरने को तैयार हूँ – सुखराम बामने

 

हरदा। स्थानीय राज रेसीडेंसी होटल में एससी और  एसटी संगठन के पदाधिकारी व समाज के वरिष्ठजन और युवाओं के बीच श्री सुखराम बामने ने यह बात कही।  उन्होंने कहा आज नहीं तो कल मरना ही है। जब आप के हाथों मौत लिखी फिर क्या डरना ! मैं संविधान की मूलभावना का सम्मान करते हुए विचारों की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी जान देने को तैयार हूं। इसके लिए मैं पीछे नहीं हटने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। 

 

मालूम हो, रविवार को एक चैनल के कार्यक्रम में विधायक कमल पटेल की धर्मपत्नी को ऋणमाफी मुआवजा मिलने की बात सुखराम को ज्ञात होने पर उसने इस आशय की पोस्ट फेसबुक पर डाली थी। इस पर बौखला कर सुदीप पटेल ने गलत कमेंट लिखे। बाद में अलग अलग फोन से जातिसूचक अपशब्द कहके जान से मारने की धमकी दी थी। सुदीप ने श्री बामने की पत्नी के लिए अभद्र अपमानजनक टिप्पणी करने के साथ साथ मुख्यमंत्री को लेकर भी अभद्र बातें कही थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की। 

आंदोलन करेंगे समाजजन – 

समाज के विभिन पदों के पदाधिकारियों ने भी बैठक को संबोधित किया। बैठक में विधायक पुत्र सुदीप पटेल द्वारा संविधान का अपमान करने, बाबा साहब का अपमान करने और समाज की बहन बेटियों के लिए अभद्र बात कहके जो अपमान किया है, उसे सहन नहीं किया जावेगा। सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में सुदीप पटेल के अभद्र व्यवहार की तीव्र निंदा करते हुए भर्त्सना की । उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र गिरफ्तारी न हुई तो समाज संगठन अगला कदम उठाएगा। 

 

इससे पहले सुखराम बामने ने बताया कि पुलिस अधीक्षक हरदा ने अपनी बात पर डटे रहने के लिए उनकी हिम्मत की सराहना की।  सुखराम ने कहा कि पुलिस का दल सुदीप पकड़ने गया था।  किसी के द्वारा सूचना देने के कारण दल खाली हाथ लौटा। 

 

श्री बामने ने कहा कि सुदीप पर पहले से एक दर्जन से अधिक मामले हैं। ये एक और बढ़ गया है। हम जिलाबदर के प्रशासन के निर्णय पर सुदीप द्वारा स्टे लाने के विरुद्ध अपील करेंगे। 

श्री बामने ने कहा मेरे घर पर पुलिस का पहरा देख वृद्ध पिताजी मुझसे कारण पूछते हैं। मैं उन्हें हकीकत बता दूं तो वे जान से हाथ धो सकते हैं। मेरी पत्नी अपमानजनक बातें सुनकर व्यथित हैं। 

सुरक्षा के बावजूद श्री बामने ने आशंका जताई है कि सुदीप के गुर्गे भी मेरी हत्या करवा सकते हैं। श्री बामने ने कहा यदि ऐसा होता है तो इसके लिए श्री कमल पटेल और सुदीप पटेल को जिम्मेदार माना जावे।

 

बैठक में, लखनलाल ओसले (अम्बेडकर विचार मंच हरदा),  सदाशिव पवार, (पूर्व अध्यक्ष बीएसपी व अम्बेडकर विचार मंच), 

राजेश सोलंकी (पूर्व अध्यक्ष अम्बेडकर छात्र संगठन), मोहनलाल लखोरे (पूर्व अध्यक्ष कतिया समाज),

जागेश्वर निमारे रिटायर्ड शिक्षा विभाग (अध्यक्ष बलाही समाज) , रामचरण शिंदे (पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष हरदा), दिनेश इवने , (अध्यक्ष गोंड समाज),

दिनेश मालवीय अधिवक्ता हरदा ,

पुरुषोत्तम कलम, (जयस प्रभारी हरदा)

लोकेश कलमे (अध्यक्ष आदिवासी छात्र  संगठन)  ने उपस्थित होकर बैठक को संबोधित किया।

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