अब बिना CM का अनुमोदन लिए सरकारी महकमों की विभागीय जांच बिना दंड कर सकतें हैं समाप्त

भोपाल
सरकारी महकमों के अधिकारियों और कर्मचारियों की विभागीय जांच बिना दंड समाप्त करने अब मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेना जरूरी नहीं होगा। प्रशासकीय विभाग स्वयं ही ऐसे मामलों में निर्णय लेकर प्रकरण समाप्त कर सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए नियमों में बदलाव किया है। इसके बाद सभी विभागों, राजस्व मंडल अध्यक्ष, कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भविष्य में इस निर्देश के अनुसार ऐसे मामलों में निर्णय लेने को कहा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने 22 फरवरी 2005 के बाद अब नियमों में बदलाव किया है।

अभी तक जीएडी के निर्देश यह थे कि 12 हजार से लेकर 16 हजार पांच सौ वेतनमान वाले सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों जिनके विरुद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही चल रही है उसे यदि बिना किसी जुर्माने या दंड के समाप्त करना है तो इसके लिए मुख्यमंत्री के पास समन्वय में प्रस्ताव भेजना होता था। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही ऐसी विभागीय जांच की कार्यवाही समाप्त की जा सकती है।

अब नियमों में जो बदलाव किया गया है उसके तहत शासकीय सेवक के विरुद्ध शुरू की गई विभागीय जांच की कार्यवाही को बिना किसी दंड दिए समाप्त किया जाना है तो ऐसे मामलों में प्रशासकीय विभाग स्वयं ही निर्णय कर प्रकरण समाप्त कर सकेगा। ऐसे प्रकरणों को अब मुख्यमंत्री समन्वय में भेजे जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस संबंध में पहले जारी नियमों को सरकार ने समाप्त कर दिया है।

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