अब बिना मुर्गी के अंडों से निकलेंगे चूजे

 लखीमपुर खीरी 
अभी तक बिना मुर्गी के अंडे से चूजे निकालना असंभव सा लगता था। सोच से परे इस असंभव लगने वाले काम को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के पलिया के संपूर्णानगर नगर निवासी एक किसान ने अपने हुनर के जरिए लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए इनक्यूबेटर मशीन बना डाली। 

संपूर्णानगर निवासी फार्मर व किसान परमजीत बताते हैं कि यह एक ऑटोमैटिक मशीन है। इस मशीन में 21 दिन तक अंडे सेने के बाद चूजे बाहर आ जाते हैं। इसमें एक बार में 60 से 70 अंडे रखे जा सकते हैं और यह एक सेमी ऑटोमेटिक मशीन है। उन्होंने बताया कि मशीन अपना टेंपरेचर खुद मेंटेन करती है। अंडों से चूजें निकालने के लिए 37.5 डिग्री तापमान मेंटेन किया जाता है। इसमें एक ऑटोमेटिक चिप लगी होती है जो 35.5 डिग्री तापमान मेंटेन रखती है। मशीन में अंडों को रखने के बाद इसमें 18 दिन तक अंडों को दिन में तीन या चार बार हल्का सा हिलाया जाता है जिसके 21 दिन बाद चूजे बाहर आ जाते हैं। 

इस मेहनत के पीछे किसान का क्या है मकसद
परमजीत सिंह का कहना है कि गांव में रहने वाले लघु किसानों को खेती के साथ-साथ कोई अलग से आय हो। इनक्यूबेटर की सहायता से गांव में जो बेरोजगार युवक हैं उनको भी रोजगार मिल सकता है। वह भी अपना खुद बिजनेस चला सकते हैं। इस देशी इनक्यूबेटर की कीमत लगभग 3000 रुपए पड़ती है। 

12 बोल्ट बैटरी से चलता है सिस्टम
अंडे से चूजे निकालने वाला इनक्यूबेटर 12 वोल्टेज बैटरी से चलता है। इसमें बल्ब के द्वारा तापमान बनाया जाता है। किसान परमजीत ने बताया कि मशीन को हर सात घंटे में खोल कर देखा जाता है और अंडों पर हल्का हाथ फेरा जाता है। यह प्रक्रिया 21 दिन तक चलती है और इस अवधि में अडों से चूजे निकलने शुरू हो जाते है। पेशे से शिक्षा विभाग में अनुदेशक परमजीत आस पास के गरीबों को एक नई दिशा देने का काम कर रहे हैं।

जानकार की बात
यह सही है कि आजकल बड़े संस्थानों में मुर्गी अंडे नहीं से रही है। उसके लिए मशीनें होती हैं, जिनमें तापमान और आर्द्रता दोनों का ख्याल रखा जाता है। किसान ने खुद इसे कैसे बनाया है, यह तो उसका प्रोडक्ट देखकर ही बताया जा सकता है।
डॉ. संजीव गुप्ता, निदेशक पक्षी शोध संस्थान

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