अफजल की फांसी की बरसी पर आज रात बड़े हमले की फिराक में आतंकी, कश्मरी में अलर्ट

नई दिल्ली        
संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी की बरसी पर आतंकियों ने हमले का प्लान बनाया है. खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा अलर्ट जारी करते हुए कहा कि आतंकी, जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर IED से हमला कर सकते हैं. वहीं, अलगाववादियों ने सोमवार को कश्मीर में प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया है.

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 फरवरी यानी आज की रात और सुबह (तड़के) सभी CAPF के कैम्प और पुलिस के कैम्प पर आतंकी बड़ा हमला कर सकते हैं, इसलिए सभी सुरक्षा बल सावधान रहें. इसके साथ ही एरिया को बिना सेंसिटाइज किए उस एरिया में ड्यूटी पर न जाएं.

पहले ग्रेनेड हमले का था अलर्ट

बता दें, इससे पहले भी खुफिया एजेंसियों ने सेना के कैंप पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया था. इस अलर्ट में कहा गया था कि आतंकी सेना के कैंपों को ग्रेनेड हमले के जरिए निशाना बना सकते हैं. इस अलर्ट के बाद जम्मू और कश्मीर में कई सेना कैंपों पर ग्रेनेड हमले भी हुए थे, जिसमें आधा दर्जन जवान घायल हुए. हालांकि, अलर्ट के कारण जवान मुस्तैद थे. इस वजह से आतंकी किसी बड़े हादसे को अंजाम देने में सफल नहीं हो पाए थे.
गुरु और भट्ट की अस्थियां वापस करने की मांग

संसद भवन पर हमले के मामले में अफजल गुरु को नौ फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी और उसे तिहाड़ जेल के भीतर दफना दिया गया था. एक खुफिया अधिकारी की हत्या के मामले में जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट को भी 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी और तिहाड़ जेल में दफना दिया गया था. अफजल की फांसी का अलगाववादियों ने बहुत विरोध किया था. हर साल की तरह इस बार भी अलगाववादी विरोध प्रदर्शन करेंगे और कश्मीर बंद का आवाहन किया है. साथ ही गुरु और भट्ट की अस्थियां वापस करने की मांग की है.

सेना ने आतंकियों के खिलाफ चला रखा है अभियान

नए साल पर सेना ने आतंकियों के सफाए का अभियान चला रखा है. बीते दिनों करीब दर्जनभर आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है. इनमें अधिकतर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल थे. बीते 6 फरवरी को सेना ने लश्कर के जिला कमांडर इरफान अहमद को ढेर कर दिया था.

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