अपर आयुक्त वेदप्रकाश ने किया आगाह चुनाव ड्यूटी के साथ कालेजोें का निरीक्षण भी करेंगे प्रोफेसर

भोपाल 
कालेज प्रोफेसरों ने आगामी सत्र 2019-20 के लिए कालेजों की संबद्धता और निरंतरता के निरीक्षण करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने इंकार की खास वजह लोकसभा चुनाव में ड्यूटी होना बताया है। चुनाव ड्यूटी सिर्फ उनका बहाना है। वे किंही और कारणों के चलते निरीक्षण से इंकार किया है। इसलिए बीयू ने उच्च शिक्षा विभाग को प्रोफेसरों की अनुशंसा कर दी है। 

बीयू का कार्यक्षेत्र आठ जिलों तक फैला है। कालेज नये कोर्स को संचालित करने के लिए बीयू को आवेदन दिए हुए हैं। वहीं दो दर्जन नये निजी सरकारी और शेष सरकारी कालेज नये कोर्स शुरू करा रहे हैं। बीयू के पास करीब 85 कालेजों का निरीक्षण कराना हैं। हरेक कालेज के निरीक्षण में चार से पांच प्रोफेसरों की टीम जाती हैं। प्रोफेसरों ने लोकसभा चुनाव के चलते कालेजों का नरीक्षण करने से इंकार कर दिया है। 

बीयू प्रबंधन ने इसका पत्र विभाग को भेज दिया। इसलिए अपर आयुक्त वेदप्रकाश ने प्रोफेसरों को आगाह किया है कि चुनाव ड्यूटी के साथ कालेजों का निरीक्षण भी करेंगे। अपर आयुक्त वेदप्रकाश ने बीयू को दिए पत्र में साफ किया है कि प्रोफेसर चुनाव ड्यूटी में कलेक्टर से अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए सभी कलेक्टरों से भी पत्र व्यवहार किया जा रहा है। इसलिए कालेजों के निरीक्षण का कार्य बाधित नहीं हो पाएगा। 

बीयू का दायरा आठ जिलों में हैं। इसलिए कोई नया कोर्स शुरू होने या नया कालेज आने पर बीयू को उनके मापदंडों को परखने के लिए प्रोफेसरों टीम भेजते हैं। बीयू उन्हें निरीक्षण के लिए 750 रुपए अदा करता है। इसमें उन्हें 200 किमी का सफर तय करना होता है। वे इतने कम राशि के लिए इतनी मशक्कत करना नहीं चाहते हैं,जिसके कारण वे उक्त कार्य करने से तौबा कर रहे हैं। हालांकि यही कार्य निजी कालेजों के संबंध में होता, तो प्रोफेसर नहीं करते। बल्कि अपने आप को निरीक्षण कमेटी में रखने के लिए जोर तक लगा देते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *