अपनी हरकतों से रिश्तों में दरार पैदा कर चुका है चीन: भारत के राजदूत 

 
बीजिंग  

भारत ने चीन को दो टूक कहा है कि ये पूरी तरह से चीन पर निर्भर है कि वो द्विपक्षीय संबंधों को किस दिशा में ले जाना चाहता है. चीन को इस पर सावधानी से विचार करना चाहिए. चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव न हो इसका एक मात्र उपाय ये है कि चीन LAC पर नए निर्माण करना तुरंत बंद करे. पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में विक्रम मिस्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि चीन इस बाबत अपने दायित्वों को समझेगा और एलएसी पर तनाव को दूर करेगा और वहां से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करेगा. उन्होंने कहा कि चीन को बॉर्डर पार कर भारत की सीमा में आने और भारतीय जमीन पर निर्माण करने की अवैध हरकत को तुरंत बंद करना चाहिए.

गलवान पर दावा कर कोई फायदा नहीं
भारत के राजदूत ने गलवान घाटी पर चीन के किसी भी तरह के दावे को खारिज करते हुए कहा कि गलवान घाटी पर चीन की ओर से संप्रभुता का दावा बिल्कुल ही असमर्थनीय है और इस तरह बढ़ा चढ़ाकर दावा करने से चीन को किसी तरह का फायदा नहीं होने वाला है.

LAC पर यथास्थिति बदलने का असर द्विपक्षीय रिश्तों पर
विक्रम मिस्री ने ये साफ कर दिया कि एलएसी पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश का असर दोनों देशों के बीच के वृहद द्विपक्षीय संबंधों पर हो सकता है.

अपनी हरकतों से रिश्तों में दरार पैदा कर चुका है चीन
भारतीय राजदूत ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आए, इसके लिए ये जरूरी है कि सीमा पर शांति और सौहार्द्र कायम रहे. उन्होंने कहा कि चीनी सेना की हरकतों ने द्विपक्षीय संबंधों में अच्छी खासी दरार पैदा कर दी है, अब चीनी सेना को भारत की सेना की सामान्य पेट्रोलिंग गतिविधियों के लिए बाधा बननी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपनी सीमा में ही किसी प्रकार की गतिविधि की है.
 

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