अनैतिक व्यापार प्रतिषेध अधिनियम पर कार्यशाला आयोजित

रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राजधानी के सर्किट हाऊस में अधिकारियों को महिलाओं एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार की रोकथाम हेतु अनैतिक व्यापार प्रतिषेध अधिनियम 1956(संशोधन 1986) की कानूनी जानकारी प्रदान के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली की रिसोर्स पर्सन सुश्री ईशा शेखर, दुर्ग की ए.एस.पी. श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम, विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव श्री मोहम्मद जहांगीर, लोक अभियोजन संचालनालय के संयुक्त संचालक श्री एम.आर. धु्रव और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती क्रिस्टीना लाल ने अधिनियम के विधिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में अनैतिक व्यापार प्रतिषेध अधिनियम के क्रियान्वयन, धाराओं और महिलाओं तथा बच्चों के अनैतिक व्यापार की रोकथाम पर जानकारी दी गई। साथ ही महिलाओं तथा बच्चों के अनैतिक व्यापार के रोकथाम में पुलिस, विधिक सेवा, लोक अभियोजन सहित महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर विस्तार से बताया गया। छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में इस अधिनियम के तहत रोकथाम और पीड़िताओं को अनुतोष प्रदान कराने के संबंध में जानकारी दी गई। अधिनियम के तहत सुरक्षा एवं संरक्षण के उपायों पर भी चर्चा की गई। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान संरक्षण अधिकारी, सखी केन्द्र के प्रशासक, पुलिस, लोक अभियोजन, विधिक सेवा, श्रम, समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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