अनुकरणीय हुआ बटार का आदर्श गौठान

रायपुर
प्रदेश सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न गतिविधियां हो रही है। शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में 15 प्रतिशत ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन किया जा रहा है।

प्रत्येक विकासखंड में एक माॅडल ग्राम पंचायत का चयन कर योजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन को दिया गया है। जिसके फलस्वरूप शासन के इस महत्वपूर्ण योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रस्ताव आमंत्रित कर स्थल निरीक्षण के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से  विकासखंड बेमेतरा से 19 ग्राम पंचायतों को एन.जी.जी.बी. के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिक रूप से चयन किया गया है, जिसमें ग्राम पंचायत बटार को माॅडल ग्राम पंचायत के रूप में चिन्हित किया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा माॅडल गौठान के लिए चयन हेतु पारंपरिक गौठान, पर्याप्त स्थल, समीपस्थ में जलस्त्रोतों की उपलब्धता, पेड़ की उपलब्धता को अनिवार्य किया गया है। पंचायत प्रतिनिधि पंच-सरपंच ग्राम पंचायत के साथ-साथ ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी आदि मानको पर खरा उतरने के उपरांत ग्राम पंचायत बटार को माॅडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित करने की लिए चयन किया गया। जिसके लिए सरपंच रमेश दत्त दुबे की भी सक्रिय भूमिका रही। अभिशरण के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग से पौधे एवं बाड़ी विकास कार्य कृषि विभाग वर्मी बेड/भू-नाडेब/घुरवा पशुपालन पशु चारा बीज, स्वास्थ्य परीक्षण एवं अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही है।

कलेक्टर ने कहा है कि गौठान को डे-केयर के रूप में विकसित किया जाएगा। गावों में गौठान से जोड़कर रोजगार मूलक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इस कार्य में महिला समूहों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि इस माध्यम से वे अपनी अजीविका चला सकंे और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सके। गौठान के गोबर गोमूत्र से खाद तैयार कर वे उसे आय का जरिया बना सकते है। इसके अलावा दुग्ध उत्पाद से भी उनकी आमदनी बढ़ेगी। कलेक्टर ने बताया कि गौठान के आस-पास बांस, फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाए जाएगें। यह भी उनके रोजगार का साधन बन सकता है। ग्राम पंचायत बटार में पशुपालन विभाग के सर्वे के अनुसार कुल 483 पशुधन है। यहां पशु चराई की परंपरागत प्रक्रिया के तहत ग्रामीण चरवाहों के माध्यम से पशुओं की चराई की जाती रही है।

इसी क्रम में जिला प्रशासन द्वारा प्रचलित गौठान को आधुनिक रूप से विकसित करने की पहल की गई, जिसमें पशुओं के लिए समुचित पेयजल प्रबंधन के लिए 5 पानी टंकी के निर्माण, पावर सप्लाई हेतु सोलर पैनल का निर्माण, छाया व्यवस्था हेतु 6 शेड का निर्माण, पशुओं के लिए ग्रामीण जनो के सहयोग से चारे का संकलन, कोटना का निर्माण कीचड़ आदि के बचाव के लिए भूमि विकास कार्य, सी.पी.टी. निर्माण कार्य, पौधरोपण कार्य, नाडेब टेंक/वर्मी बेड का निर्माण, वाटर रिचार्ज पिट आदि का निर्माण कराया गया है। साथ ही साथ ग्राम पंचायत में लगभग 15 एकड़ भूमि में पशुओं लिए चारागाह का विकास ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है।

 माॅडल ग्राम पंचायत के रूप में ग्राम पंचायत बटार को विकसित करने से ग्रामीण जनता अधिक आशान्वित है एवं शासन की इस महत्वपूर्ण प्रयास के लिए सहयोग प्रदान करने में भी तत्पर  है। ग्राम पंचायत में विभिन्न स्तर से अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान लोगो में उत्साह देखते बनता है। ग्रामीण के साथ-साथ चरवाहे भी सक्रिय रूप से इस योजना के क्रियान्वयन में भाग ले रहें है। ग्राम पंचायत बटार में सभी ग्रामीण कृषि पर निर्भर है यहां वर्ष भर किसान खेती-किसानी के कार्यो में व्यस्त रहते है। गर्मी में पशुओं के खुले में रहने से ग्रामीण खेती प्रभावित हो रही थी। ऐसे में गौठान निर्माण से निश्चित रूप से ग्रामीणो के रबी फसल के प्रति आकर्षण में वृद्धि होगी।

 ग्रामीणों द्वारा चारे के साथ-साथ मवेशियों के उचित प्रबंधन, देखरेख के लिए ग्राम स्तर पर गौठान प्रबंधन समिति का चयन किया गया है जिनके द्वारा गौठान का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है। गौठान के संबंध में समिति द्वारा नियमित बैठक आयोजित कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसमें पशु अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन कर गोबर से आधुनिक खाद तैयार करने, गौ-मूत्र से कीटनाशक तैयार करने एवं गौठान स्थल पर विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधि संचालित करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया गया है। पशुओं के समुचित प्रबंधन से ग्रामीण किसान में काफी प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। फसल रकबे में वृद्धि हेतु अतिरिक्त व्यय राशि के बचने से एवं गांव में गौठान प्रबंधन एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों के संचालन से गांव में रोजगार का सृजन होगा।

गांव मे उन्नत बाड़ी विकास हेतु उद्यानिकी विभाग, घुरवा के समुचित प्रबंधन के लिए कृषि विभाग एवं गांव में उपलब्ध नदी एवं नाले में वर्षा जल के संचयन हेतु विभिन्न प्रकार की गतिविधि के लिए ग्राम पंचायत के साथ-साथ विभागीय अमले सक्रिय है। शासन के इस कदम के लिए ग्रामीणजन काफी खुश हैं एवं शासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते है।     

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