अजित पवार का दांव चला तो धरे रह जाएंगे NCP-शिवसेना और कांग्रेस के मंसूबे

 
मुंबई 

एनसीपी नेता अजित पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद चौबीस घंटे से ज्यादा वक्त तक चुपचाप रहे, लेकिन रविवार दोपहर बाद वो अचानक ट्विटर पर सक्रिय हुए और ताबड़तोड़ ट्वीट कर डाले. उनके ट्वीट से राज्य का सियासी तापमान एकबार फिर चढ़ गया है और नए-नए कयास लगाए जाने लगे हैं. अजित पवार ने ट्वीट से ये संदेश दे दिया है कि वो एनसीपी में हैं और एनसीपी उनकी है. इस लिहाज से उन्हें ये भी उम्मीद है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उन्हें ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विधायक दल का नेता मानेंगे, अगर राज्यपाल अजित पवार को विधायक दल का नेता मान लेते हैं तो वे कांग्रेस-शिवसेना और सीनियर पवार को पटखनी देते हुए महाराष्ट्र का गेम अपने पक्ष में पलटने में कामयाब होंगे.

NCP में दबदबा कायम
दरअसल, अजित पवार कहीं से यह भी जाहिर नहीं होने देना चाहते हैं कि वह अब एनसीपी विधायक दल के नेता नहीं हैं. ऐसा उनके ट्वीट से झलक रहा है. अजित पवार ने जब ट्वीट किया तो सबसे पहले उन्होंने मीडिया में चल रही इस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया कि उनका एनसीपी से संबंध खत्म होने वाला है. उन्होंने कहा, "मैं एनसीपी में हूं और हमेशा एनसीपी में ही रहूंगा." इसके अलावा बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार में डिप्टी सीएम रहने के बावजूद उन्होंने अपना नेता शरद पवार को भी बता दिया. डिप्टी सीएम ने लिखा, "पवार साहेब ही हमारे नेता हैं."

आगे अजित पवार ने ट्वीट करने के लिए जो भाषा लिखी उससे मतलब निकलता है कि वे ये संदेश देना चाहते हैं कि एनसीपी के विधायकों की कमान अभी उन्हीं के हाथों में है. उन्होंने लिखा, "बीजेपी और एनसीपी की गठबंधन महाराष्ट्र में एक स्थायी सरकार देगी और राज्य के कल्याण के लिए अगले पांच साल तक गंभीरता से काम करेगी." साफ है एक तरफ वह एनसीपी खेमे में अपनी पकड़ बनाना चाहते हैं तो दूसरी ओर सरकार में साथी बीजेपी का भरोसा भी जीतना चाहते हैं.
 
आत्मविश्वास से लबालब
अजित पवार ने रविवार को ताबड़तोड़ 21 बीजेपी नेताओं के ट्वीट का जवाब दिया और सभी का आभार जताया. इन सभी नेताओं ने शनिवार को बतौर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम शपथ लेने पर अजित पवार को बधाई दी थी. इसकी शुरुआत उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के ट्वीट का जवाब देते हुए की और पीएम को धन्यवाद देते हुए लिखा कि हमलोग ये सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र को एक स्थायी सरकार दें जो लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी.

गवर्नर के कदम पर निगाहें
दरअसल महाराष्ट्र के सियासी दंगल में अब सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी हैं. बड़ा सवाल ये है कि इस वक्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विधायक दल का नेता कौन है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एनसीपी का विधायक दल का नेता किसे मानते हैं? हालांकि एनसीपी ने अपना नेता बदल दिया है लेकिन विधायकों के समर्थन वाला पत्र पहले अजित पवार ने ही राज्यपाल को सौंपा था. ऐसे में अब राज्यपाल के विशेषाधिकार पर निर्भर करेगा कि वह इस बारे में क्या फैसला लेते हैं.

NCP ने बदला विधायक दल का नेता
शनिवार सुबह तक अजित पवार निर्विवाद रूप से एनसीपी के विधायक दल के नेता थे. लेकिन जैसे ही अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, एनसीपी में खलबली मच गई. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को इस घटनाक्रम की जानकारी भी नहीं थी. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने विधायकों की बैठक बुलाकर अजित पवार को एनसीपी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया.

बीजेपी नेता आशीष शेल्लार ने एनसीपी नेतृत्व पर निशाना साधा है और अजित पवार को एनसीपी के विधायक दल के नेता से हटाए जाने को अमान्य करार दिया है. शेल्लार ने कहा कि बीजेपी का मानना ​​है कि एनसीपी विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार की नियुक्ति वैध थी और आज उनकी जगह जयंत पाटिल की नियुक्ति अमान्य है. वहीं, कांग्रेस ने इसके विपरित राय दी है. कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा कि अजित पवार अब एनसीपी के विधायक दल के नेता नहीं हैं और उनके बयान का कोई महत्व नहीं है.

राज्यपाल किसे मानेंगे नेता?
अजित पवार से विधायक दल का पद छीनने के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने आनन-फानन में पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई. इस बैठक में जयंत पाटिल को एनसीपी विधायक दल का नेता चुना गया. हालांकि इस बैठक में एनसीपी के सभी विधायक मौजूद नहीं थे. अब सवाल है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एनसीपी विधायक दल का नेता किसे मानते हैं?
 

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