अगुस्टा वेस्टलैंड: ‘मिसेज गांधी’ के जिक्र पर राजनीतिक घमासान, विस्तार से जानिए कोर्ट में क्या हुआ

नई दिल्ली 
अगुस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला केस के लिए शनिवार बड़ा दिन था। ईडी ने जहां दावा किया कि कथित बिचौलिया क्रिस्चन मिशेन ने सोनिया गांधी का नाम लिया था, वहीं कोर्ट ने मिशेल और उसके वकील के बीच मुलाकात को लेकर कुछ शर्तें तय कर दी। कोर्ट ने यह फैसला तब किया जब ईडी ने यह बताया कि मिशेल ने 'मिसेज गांधी' के बारे में पूछे गए सवालों को गुप्त रूप से अपने वकील से साझा किया था। 

ईडी के वकील ने आरोप लगाया कि मिशेल ने 'मिसेज गांधी' के बारे में पूछे गए सवालों को अपने वकील एल्जो के. जोसेफ से शेयर किया था, जिसके बाद अडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज चन्द्रशेखर ने उपरोक्त फैसला लिया। 

मिशेल के वकील जोसेफ ने स्वीकार किया कि उनके मुवक्किल ने उन्हें पेपर दिए थे लेकिन वह उसमें क्या लिखा था, यह देख नहीं पाए। जोसेफ ने यह दलील देते हुए कि 'किसी का नाम' लेने की कोई जरूरत नहीं थी, इस बारे में कहा, 'यह हुआ। यह बहुत व्यस्त कमरा है। हालांकि, हमने कुछ नहीं देखा।' ईडी सूत्रों ने बताया कि मिशेल अपने वकील से इस बारे में मदद मांग रहा था कि 'मिसेज गांधी' के बारे में पूछे गए सवालों का वह क्या और किस तरह जवाब दे। 
'बड़ा आदमी R' कौन, यह पता लगाना बाकी: ED 
जोसेफ ने जब मिशेल का केस लिया था तब वह इंडियन यूथ कांग्रेस के लीगल सेल के प्रमुख थे। हालांकि, बिचौलिए के साथ उनके जुड़ाव को लेकर हमले तेज होने के बाद कांग्रेस ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। 

राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील घोटाले में ईडी के इस दावे के बाद सियासी तापमान बढ़ गया कि जोसेफ 'मिसेज गांधी' ऐंगल में दिलचस्पी ले रहे थे। यह पहली बार है जब इस केस में 'मिसेज गांधी' का संदर्भ आया है। 

कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश किए एक 'कॉन्ट्रैक्ट निगोशिएशंस' शीर्षक के दस्तावेज में 'इटली की एक महिला के बेटे…जो अगले पीएम बनने जा रहे हैं' का जिक्र है। वहीं एक और दस्तावेज में ईडी ने यह बताया कि वह 'R' की पहचान स्थापित करना चाहती है जिसके बारे में मिशेल ने अपने कम्युनिकेशंस में जिक्र किया है। 

ईडी ने कोर्ट को बताया कि हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि वह 'बड़ा आदमी' कौन है, जिसका जिक्र मिशेल ने अन्य लोगों के साथ अपने कम्युनिकेशंस में 'R' के तौर पर किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इसके लिए उसे मिशेल और अन्य लोगों से पूछताछ की जरूरत है। 

कोर्ट में ईडी के दावों के तत्काल बाद बीजेपी और कांग्रेस में जबानी जंग तेज हो गई। एक तरफ जहां केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आरोप लगाया कि यह सबकुछ 'एक परिवार की तरफ इशारा' करते हैं, वहीं राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। 

मिशेल की रिमांड बढ़ाने की दलील देते हुए ईडी ने आरोप लगाया कि कथित बिचौलिए का जब शुक्रवार शाम को एलएनजेपी अस्पताल में चिकित्सकीय परीक्षण चल रहा था, तब उसने चुपके से अपने वकील जोसेफ को पेपर दिए। मिशेल खड़ा हुआ और अपने वकील की तरफ रुख करके यह दिखाने का अभिनय किया जैसे वह उनसे हाथ मिला रहा हो। 

ईडी ने कोर्ट को बताया, 'यह देखा गया कि मिशेल ने अपने वकील एल्जो जोसेफ को चुपके से एक मुड़ा हुआ पेपर दिया। जोसेफ ने अपने मोबाइल फोन में उस मुड़े हुए पेपर को छिपा लिया और उसे धीरे से अपनी जैकेट के जेब में ऐसे रख लिया, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं। इस पूरे वाकये को डेप्युटी डायरेक्टर रमनजीत कौर (ED) ने देख लिया।' 

ED ने कोर्ट को आगे बताया, 'डेप्युटी डायरेक्टर से सामना होने पर जोसेफ ने उस पेपर को एक अन्य अधिकारी नरेश मलिक को थमा दिया। उस मुड़े हुए पेपर में जो कुछ भी लिखा हुआ था, वह मिसेज गांधी से जुड़े बाद में पूछे जाने वाले सवालों से संबंधित थे।' 

ईडी ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ या किसी को बचाने की साजिश हो रही है। कोर्ट ने दलील दी कि अदालत ने मिशेल को अपने वकील तक लीगल एक्सेस का जो लाभ दिया है, उसका दुरुपयोग हो रहा है और इसे रोकने की जरूरत है। ईडी की दलीलों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने न सिर्फ मिशेल के रिमांड को 7 दिनों के लिए बढ़ा दिया, जबकि बिलौचिए की उसके वकीलों- जोसेफ, श्रीराम परक्कट और विष्णु शंकर तक पहुंच भी सीमित कर दिया। 

कोर्ट ने आदेश दिया कि मिशेल अपने वकीलों से सिर्फ दूर से मुलाकात करेगा। यही नहीं, यह मुलाकात सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच सिर्फ 15 मिनट तक हो सकेगी। 

ईडी ने अपने रिमांड ऐप्लिकेशन में कुछ 'महत्वपूर्ण मुद्दों' का जिक्र किया था, जिनकी जांच की जरूरत है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसे यह जांचने की जरूरत है कि आरोपियों ने टाटा और HAL को प्रतिस्पर्धा से बाहर करने के लिए कौन सी तरकीब अपनाई, कौन सा तरीका अपनाया। 
 

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