अगस्त की होने वाली बैठक में आजीवन सहयोग निधि के खर्च और जुटाई गई राशि का हिसाब मांगेगी भाजपा
भोपाल
एक अगस्त को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में सभी 54 संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों से भाजपा आजीवन सहयोग निधि के खर्च और इसमें जुटाई गई राशि का हिसाब लेगी। इसके लिए सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपनी तैयारी के साथ आएं। इस निधि को लेकर उन जिलों में ज्यादा खलबली मची है जहां पिछले साल भी संगठन के मांगने के बावजूद हिसाब नहीं दिया गया था।
लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद एक माह पहले हुई बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह सभी जिला अध्यक्षों से कहा था कि वे आजीवन सहयोग निधि का हिसाब दें। इसके लिए खासतौर पर उन जिलों के अध्यक्षों को चेताया गया था जिन्होंने पिछले साल का हिसाब नहीं दिया था। अध्यक्ष ने इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किए गए खर्च का हिसाब भी देने के निर्देश दिए थे। बताया जाता है कि आधा दर्जन से अधिक जिलों में इसका हिसाब नहीं मिल पाने के कारण गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। इसीलिए अब 1 अगस्त को होने वाली बैठक में जिला अध्यक्ष लेखा बही की पूरी रिपोर्ट के साथ भोपाल पहुंचेंगे।
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे ने पार्टी में आजीवन सहयोग निधि की व्यवस्था शुरू कराई थी। इसके लिए कार्यकर्ता और पदाधिकारी 100, 200 और 500 रुपए नकद लेकर उसकी रसीद देते हैं जबकि इससे अधिक की सहयोग निधि के लिए कूपन दिए जाने की व्यवस्था है। यह कूपन 1000, 2000, 5000, 10000 रुपए तक के हैं।
भाजपा ने आजीवन सहयोग निधि के लिए 11 करोड़ रुपए का टारगेट रखा था पर पार्टी तीन करोड़ रुपए ही जुटा सकी थी। इसके बाद इसमें वृद्धि के लिए कहा गया था। पिछले फरवरी माह में भी इसके लिए अभियान चलाने का काम पार्टी ने किया था लेकिन वास्तविक जानकारी संगठन तक नहीं पहुंची थी। इसलिए हिसाब मांगे जा रहे हैं।