अगली सरकार के पहले 100 दिन का अजेंडा बनाने में जुटी ब्यूरोक्रेसी

  नई दिल्ली 
नेता जहां लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं, वहीं नौकरशाही अगली सरकार के लिए हर सेक्टर को ध्यान में रखते हुए एक कार्ययोजना तैयार करने में जुटी है। इसमें अगली सरकार के पहले 100 दिन का अजेंडा भी शामिल है। सभी मंत्रालयों ने इस कार्ययोजना को प्रधानमंत्री कार्यालय को दिखाना भी शुरू कर दिया है। एचआरडी मिनिस्ट्री एक कदम आगे बढ़ते हुए इसकी जगह पंचवर्षीय कार्ययोजना पर काम शुरू करने जा रही है। 
 
मंत्रालय ने इसे प्रभावी बनाने के लिए पूर्व रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढ़िया, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजया राघवन, रेडिफ के फाउंडर अजित बालाकृष्णन और इंफोसिस के पूर्व सीईओ गोपालकृष्णन समेत कई हस्तियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया है। 

इस समूह ने 'एजुकेशन क्वॉलिटी अपग्रेडेशन और इनक्लूजन प्रोग्राम' नाम से एक प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी कर दिया है, जिसका लक्ष्य 'अगले 5 साल में सिस्टम में बड़ा बदलाव' लाना है। उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों के लिए कांत, अढ़िया और गोपलाकृष्णन की अगुआई में 10 एक्सपर्ट्स ग्रुप बनाए गए हैं। उन्होंने अपना ड्राफ्ट प्लान सरकार को सौंप भी दिया है। 

ईटी को मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी 10 ग्रुप 22-24 अप्रैल के बीच मसूरी स्थित लाल बहादुर नैशनल अकैडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) में मिले थे। इस तीन दिवसीय बूट कैंप के दौरान इनके बीच प्रस्तावित कार्ययोजना को लेकर गहन चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि जून 2019 तक एक महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय शिक्षा योजना को तैयार करने के लिए, अब एक वर्किंग ग्रुप इन सभी 10 समूहों की रिपोर्ट को संकलित करेगा। 

गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर अढ़िया की अगुवाई में बना समूह 'लोगों तक उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने' के मुद्दे पर काम कर रहा है। मिली जानकारी के इस ग्रुप ने 2024 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को दोगुना कर 52 तक ले जाने को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया। इस रिपोर्ट में एससी स्टूडेंट्स के एनरोलमेंट को दोगुना और एसटी स्टूडेंट्स के इनरोलमेंट को तीन गुना करने और भौगोलिक रूप से पिछड़े समूहों को राष्ट्रीय औसत तक ले आने को सुनिश्चित करने को कहा गया है। 

नीति आयोग के सीईओ कांत की अगुवाई वाले ग्रुप के पास संस्थानों को अंतरराष्ट्रीयकरण की जिम्मेदारी है। इसके तहत देश के सभी प्रीमियर संस्थानों में विदेशी छात्रों के एडमिशन को बढ़ाकर 10 पर्सेंट तक ले जाने, भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए पॉलिसी को मजबूत बनाना और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से तालमेल बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। 

इंफोसिस के पूर्व सीईओ क्रिस गोपालकृष्णन की अगुवाई वाले ग्रुप को 'उच्च शिक्षा के लिए वित्त मुहैया कराने' की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने इसके लिए एक रणनीति भी तैयार की है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को बढ़ाना भी शामिल है। 

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