अकेलेपन ने 11 साल के बच्चे को बना दिया पिल्लों का कातिल

  लखनऊ 
अकेलापन कितना खतरनाक हो सकता है, इसका हालिया मजमून उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सामने आया है। यहां के इंदिरानगर की मायावती कॉलोनी में 11 साल का एक बच्चा कहीं कोई पिल्ला देखता तो ब्लेड और तार से काटकर उसकी जान ले लेता। मोहल्ले में तो अफवाह थी कि वह पिल्लों को मारकर खा जाता है। इसका पता चलने पर मंगलवार को दो निजी संस्थाओं ने उसे ले जाकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंपा। वहां काउंसलिंग के दौरान उसने स्कूल जाने की चाहत जताई और बताया, 'मुझे सब पागल बोलते हैं। मैं पिल्ले काट कर मार देता हूं, लेकिन खाता मैं खाना हूं।' फिलहाल उसे मोहान रोड स्थित बालगृह में रखा गया है। 

'कई बार डांट के बाद भी नहीं सुधरा' 
बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि बच्चे को ‘एक कोशिश ऐसी भी’ और ‘दिव्य सेवा फाउंडेशन’ संस्था के सदस्य लेकर आए। बच्चे के माता-पिता मजदूर हैं। उसके पांच साल का छोटा भाई और तीन साल की एक बहन भी है। पूछताछ में सामने आया कि माता-पिता उसे स्कूल नहीं भेजते थे और तीनों बच्चों को घर में छोड़कर काम पर चले जाते थे। संस्था प्रतिनिधियों के मुताबिक, बच्चे के चाचा ने बताया कि वह बचपन से सभी से अलग और गुमसुम रहता था। कुछ दिन से उसने पिल्लों को मारना शुरू कर दिया। कई बार डांट और मार खाने के बाद भी नहीं सुधरा। उसके माता-पिता ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। 
 

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