अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को कोविड-19 से सबसे अधिक नुकसान 1950 के बाद 

नई दिल्ली 
दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी से इस साल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में 80% तक गिरावट आ सकती है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है। वैश्विक एजेंसी ने कहा कि महामारी के चलते 2020 की पहली तिमाही के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवक में 22 प्रतिशत की गिरावट हुई है। संयुक्त राष्ट्र की इस विशेष एजेंसी के अनुसार कोरोना वायरस के कारण वार्षिक पर्यटन में 2019 के मुकाबले 60-80 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। संस्था ने कहा कि इसके चलते 10 से 12 करोड़ लोगों की आजीविका खतरे में है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से पर्यटन कारोबार में सबसे अधिक नुकसान एशिया और प्रशांत क्षेत्र में हुआ है। इसके बाद यूरोप को नुकसान उठाना पड़ा है। इन क्षेत्रों में हर साल करीब 3.3 करोड़ लोग गर्मियों में छुट्टियां मानने आते हैं। कोरोना संकट से इस साल पूरा पर्यटन कारोबार ठप पड़ा हुआ है। हवाई सेवा बंद होने से पर्यटकों का आना संभव नहीं है। मालूम हो कि देश से हर साल दो करोड़ से ज्यादा लोग छुट्टियां मनाने और घूमने के लिए विदेश जाते हैं। 10 साल में यह संख्या करीब तीन गुना बढ़ी है। 

भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान : कोरोना वायरस महामारी से भारतीय पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन लंबा चलने से इस क्षेत्र में काम कर रहे 3.8 करोड़ लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। एसोचैम के अनुसार, महामारी के रूप में फैले इस कोरोना का अधिक असर होटल, टूर एंड ट्रेवल, विमानन, खानपान, निर्माण और मनोरंजन क्षेत्र पर पड़ेगा। उद्योग संघ के अनुसार, यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र का 2018 में भारत की जीडीपी में 9.2 फीसदी योगदान था और इसने 2.67 करोड़ रोजगार दिए।

अंतरराष्ट्रीय यात्रा में अगले साल से सुधार

यूएनडब्ल्यूटीओ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या में इस साल बहुत सुधार होने की उम्मीद नहीं है। अगले साल इसमें सुधार देखने को मिल सकता है। पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की तुलना में रिश्तेदार, दोस्त या काम के सिलसिले में जाने वालों की संख्या में तेजी आने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा का सबसे अधिक फायदा आफ्रीका को मिल सकता है।

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