बिना संविधान संशोधन नहीं बढ़ सकता कैबिनेट का आकार

रायपुर
छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। इसमें मंत्रियों की संख्या कुल सदस्यों का 15 की बजाय 20 फीसद करने का आग्रह किया है। संविधान के जानकारों के अनुसार यह इतना आसान नहीं है। मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या को संविधान संशोधन के माध्यम से सीमित किया गया है। ऐसे में इसमें किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए भी संविधान में संशोधन करना पड़ेगा और यह काम संसद ही कर सकती है।

यह हो रही है दिक्कत

90 सदस्यी छत्तीसगढ़ विधानसभा में नियमानुसार 15 फीसद यानी मुख्यमंत्री समेत केवल 13 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसकी वजह से हर एक मंत्री को कईकई विभाग संभालना पड़ रहा है। हर विभाग के बजट का आकार काफी बढ़ चुका है। इन सब कारणों से मंत्रिमंडल का आकार छोटा पड़ रहा है।

2003 में किया गया था संविधान संशोधन

संसद ने 2003 में 91वां संविधान संशोधन किया। इसमें दल बदल व्यवस्था में संशोधन, केवल सम्पूर्ण दल के विलय को मान्यता, केंद्र व राज्य में मंत्रिपरिषद के सदस्य संख्या क्रमश: लोक सभा तथा विधान सभा की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत होगा (जहां सदन की सदस्य संख्या 40-50 है, वहां अधिकतम 12 होगी)।

यह कर सकती है राज्य सरकार

संवैधानिक जानकारों के अनुसार राज्य सरकार मंत्रिमंडल का आकार बढ़ाने को लेकर विधानसभा में एक संकल्प पारित कर संसद को भेज सकती है। इसके आधार पर संसद में इस पर विचार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री बघेल का तक

पीएम को लिखे पत्र में सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 1.35 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक है। यह देश के कुल भूभाग का 4.4 फीसद है। छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और पश्चिम बंगाल से भी अधिक है। राज्य अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 32, अनुसूचित जाति का 12 व अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या लगभग 45 फीसद है। इस दृष्टि नए राज्य में भौगोलिक क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए शासन-प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या में वृद्धि किया जाना आवश्यक है।

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