छिंदवाड़ा कफ सिरप त्रासदी: 10बच्चों की मौत,MP में दो सिरप बैन; कंपनी और डॉ पर केस दर्ज: डॉ हिरासत में
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक कफ सिरप त्रासदी ने हड़कंप मचा दिया है। संदिग्ध कफ सिरप के सेवन से अब तक 14 मासूम बच्चों की मौत होने की खबर है, हालाँकि प्रशासन ने अभी तक 10 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है। प्रयोगशाला रिपोर्ट में सिरप में हानिकारक रसायन पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से दो कफ सिरप पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगा दिया है और कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
परासिया में सर्वाधिक मौतें, परिजनों ने नागपुर में भी खोए बच्चे
मौतों का यह भयावह सिलसिला मुख्य रूप से परासिया क्षेत्र में शुरू हुआ। प्रारंभिक रूप से 9 बच्चों की मौत के बाद, परासिया की योगिता ठाकरे की नागपुर में हुई मौत के साथ यह आँकड़ा 10 तक पहुँच गया। मीडिया में मामला सामने आने के बाद ऐसे कई परिवार सामने आए जिन्होंने अपने बच्चों को निजी अस्पतालों से सीधे नागपुर के निजी अस्पतालों में ले गए थे, जहाँ उनकी मौत हो गई। इन अप्रमाणित मौतों को मिलाकर जिले में कुल मृतक बच्चों का आँकड़ा 14 तक पहुँच चुका है।
सरकार का कड़ा कदम: SIT जाँच और 4-4 लाख का मुआवजा
इस गंभीर घटना के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है:
प्रतिबंध: पूरे प्रदेश में दो संदिग्ध कफ सिरप—कोल्डड्रिफ (Coldridf) और नेस्ट्रो डी एस (Nestro DS)—पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जाँच के आदेश: मामले की तह तक जाने के लिए एक विशेष जाँच दल (SIT) गठित कर जाँच के आदेश दिए गए हैं।
मुआवजा: मुख्यमंत्री ने पीड़ित प्रत्येक परिवार को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।
श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स और डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा
छिंदवाड़ा पुलिस ने इस मामले में कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडेय ने बताया कि परासिया बीएमओ डॉक्टर अंकित सहलाम की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है।
कंपनी पर केस: पुलिस ने तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रेषन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गंभीर धाराएँ: एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की ‘एडल्ट्रेशन ऑफ ड्रग’ (दवाओं में मिलावट) और ‘हत्या की कोटि में आने वाले अपराधिक मानव वध’ जैसी गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं। इसके अलावा ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
डॉक्टर हिरासत में: इसके साथ ही, पुलिस ने संबंधित डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की और उन्हें छिंदवाड़ा के राजपाल चौक क्षेत्र से हिरासत में ले लिया है।
पुलिस अब मामले की जाँच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हानिकारक रसायन युक्त सिरप की सप्लाई चेन कहाँ से शुरू हुई और बच्चों को यह दवाई किस डॉक्टर के माध्यम से दी गई।
