मामूली विवाद में भाई की हत्या को HC ने गैर-इरादतन हत्या में बदला, सुनाई 10 साल की सजा
बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मामूली विवाद पर भाई द्वारा अपने ही भाई की हत्या करने के मामले में सेशन कोर्ट ने धारा 302 के तहत दोषी भाई को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. सजा मिलने के बाद हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की गई. यहां सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरोपी भाई द्वारा अपने ही भाई की हत्या को गैर इरादतन हत्या करना पाया. लिहाजा, हाईकोर्ट ने धारा 302 उम्रकैद की सजा को बदलकर 304 भाग -2 में तब्दील कर 10 साल की सजा सुनाई है.
पूरा मामला
दरअसल, मामला बिलासपुर जिले के गौरेला थाना अंतर्गत आमानाला गांव का है. यहां रहने वाले बेचूराम की बीते 2 जनवरी 2019 को हत्या हो गई थी. पुलिस ने मामले में बेचूराम के सगे भाई सुखपाल सिंह और सौतेले भाई छुट्टन उर्फ हुड्डा को गिरफ्तार किया था. सेशन कोर्ट ने आईपीसी की धारा 302/34 के तहत उन्हें दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद मामले पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. दोनों पक्षकारों की सहमति से हाईकोर्ट ने मामले पर अंतिम सुनवाई कर अपना निर्णय दे दिया.
सेशन कोर्ट के फैसले को संशोधन कर HC ने सुनाई सजा
विवाद होने के बाद अचानक हमला और सिर्फ एक बार चोट करने समेत अन्य परिस्थितियों के आधार पर हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को संशोधित करते हुए आईपीसी की धारा 302 की जगह 304 भाग-2 में संशोधित करते हुए 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है.