कुमारस्वामी सरकार का 18 को टेस्ट, बागी विधायकों को कमरे में ही रहने की सलाह
मुंबई
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार रहेगी या जाएगी, इसका फैसला अब विधानसभा में शक्ति परीक्षण से होगा. 18 जुलाई को 11 बजे सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी. स्पीकर केआर रमेश कुमार ने दोनों पक्षों के नेताओं से बात करने के बाद ये फैसला किया है.
कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी के शक्ति परीक्षण में जीत का दावा करने के बीच मुंबई के एक होटल में ठहरे बागी विधायकों पर निगरानी बढ़ा दी गई है. इन विधायकों को होटल में और ऊपर के कमरे में शिफ्ट किया गया है. सूत्रों ने बताया कि रेनेसंस होटल में बागी विधायकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कई स्तरों पर विधायकों की सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. जिस फ्लोर पर बागी विधायक ठहरे हुए हैं वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं है. होटल के कई फ्लोर पर मुंबई पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. सादे कपड़े में भी पुलिस के जवान तैनात हैं.
बागी विधायकों के मूवमेंट पर पाबंदी
सूत्रों ने बताया कि बागी विधायकों को इधर-उधर न जाने को कहा गया है. यह पहली बार है जब मुंबई के होटल में ठहरने के दौरान विधायकों के मूवमेंट पर पाबंदी लगाई गई है. इससे पहले, विधायकों पर इस तरह की कोई पाबंदी नहीं थी. सूत्रों ने बताया कि बागी विधायकों से अनुरोध किया गया है कि वे होटल से बाहर न निकलें और कमरे में ही रहें.
गौरतलब है कि अंतिम समय में बीजेपी कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है. वह हालात को अपने पक्ष में रखने की हर संभव कोशिश कर रही है. वहीं विधायक भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
सुनवाई को सहमत सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक के और पांच बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया. बागी विधायकों ने इस याचिका मेें कहा है कि कि विधानसभा अध्यक्ष के.आर.रमेश कुमार उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने उल्लेख किया कि वे चल रही सुनवाई में पक्षकार के रूप में शामिल होना चाहते हैं.
इसी तरह की एक याचिका 10 कांग्रेस विधायकों द्वारा पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए मंगलवार का समय निर्धारित है. अदालत ने याचिका मंजूर की और कहा कि वह इस याचिका पर मंगलवार को इसी तरह की दूसरी याचिका के साथ सुनवाई करेगा. विधायक के.सुधाकर, रोशन बेग, एम.टी.बी.नागराज, मुनिरत्न व आनंद सिंह ने अदालत से कहा कि वह एक पक्षकार के तौर पर सुनवाई में शामिल होना चाहते हैं, ताकि अदालत समान अर्जी पर कई बार सुनवाई करने से बच सके. विधायकों ने कहा कि जनप्रतिनिधि के तौर पर अपने पद से इस्तीफा देना उनका मौलिक अधिकार है.