मुख्यमंत्री के मंसूबे पर पानी फेर रहा है,अस्पताल प्रबंधन
आज छिन्दवाड़ा के कुंडालिकला की गर्भवती श्यामकुमारी पहाड़े जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी ,रात करीब साढ़े आठ बजे ड्यूटी डॉक्टरर्स के ग़ैरमौजदगी में प्रसुति की सामान्य डिलिवरी के बाद, करीब पंद्रह मिनिट बाद नवजात ने दम तोड़ दिया वहीं दूसरी ओर प्रसुति को ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से हालात बिगड़ती चली गई वह झटके लेने लगी और अंततःउसकी भी मौत हो गई
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ड्यूटी डॉक्टर शालिनी बोरकर डिलेवरी की दौरान अस्प्ताल में मौजूद नही थी वही गायनिक वार्ड में राउंड द क्लॉक डॉक्टर रहने का नियम है इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के सिर्फ कागजी प्रयास कर रही है इन विषयों पर गंभीर नही दिखाई देती है ,कमलनाथ सरकार चौपट व्यवस्था को तबादलों से सुधारने की बात करती है तो भला जिला अस्पताल में सालो से जमे डॉक्टरर्स को तबादला क्यो नही किया जा रहा है ।
- जच्चा बच्चा की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल में तोड़ फोड़ कर अपना गुस्सा जाहिर किया ,पुलिस मामले को संभालने अस्पताल पहुंची फिलहाल मर्च्युरी में जच्चा ,बच्चा दोनों की बॉडी रख दी गई है,अस्पताल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन कुछ नही कह रहा है।