ग्वालियर में संघ-भाजपा की बैठक में शिकायतों पर एक्शन के साथ बदलावों को मिलेगी हरी झंडी
ग्वालियर
लंबे समय से संगठन महामंत्रियों की शिकायतें कर रहे भाजपा के नेताओं की निगाहें आरएसएस की ग्वालियर में होने वाली बैठक पर टिकी हैं। इन नेताओं को उम्मीद है कि संघ और भाजपा के नेताओं के साथ होने वाली इस बैठक में प्रदेश में संभावित बदलाव को हरी झंडी मिल सकेगी क्योंकि संगठन महामंत्रियों के कामकाज को लेकर कार्यकर्ताओं के आक्रोश की शिकायतें संघ तक पहुंच चुकी है और संघ इन पर एक्शन के लिए कह भी चुका है।
लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की 8 से 10 मार्च के बीच ग्वालियर में बैठक होना है। आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल समेत संघ के अन्य बड़े पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। यह संघ की सबसे पॉवरफुल बॉडी की बैठक है। इसी कारण प्रदेश भाजपा के पदों में बदलाव की उम्मीद लगाए नेता यह मानकर चल रहे हैं कि इस बैठक में संगठन को लेकर सामने आई शिकायतों पर ठोस फैसला हो सकता है। साथ ही यह भी तय है कि बैठक में लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार की सत्ता वापसी पर फोकस रहेगा। इसलिए अंतिम दौर की चुनावी बिसात के लिए संघ के सभी सहयोगी संगठनों के नेता इस बैठक में चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे। बैठक में यह भी तय होगा कि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनावी एजेंडे में राम मंदिर समेत और कौन से महत्वपूर्ण बिन्दु शामिल किए जाने हैं।
लोकसभा कैंडिडेट पर भी लेंगे संघ की राय
लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी संघ की राय लेगी। इसीलिए प्रतिनिधि सभा से एमपी को लेकर समन्वय बैठक भी होना तय है। इसमें प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा के संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चा होगी। यह समन्वय बैठक इसी माह अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह में हो सकती है।