दिल्ली में उमस, राजस्थान में लू से लोग बेहाल, जुलाई में भी अच्छी वर्षा का अनुमान

 
नई दिल्ली 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि जून महीने में अत्यधिक बारिश हुई और जुलाई में भी अच्छी वर्षा का अनुमान है. हालांकि, दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग बारिश नहीं होने से उमस (उच्च आर्द्रता) और गर्मी से बेहाल हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस सप्ताह के अंत तक बारिश हो सकती है.

दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 1 डिग्री अधिक है. वहीं, यहां आर्द्रता का स्तर 57 से 84 प्रतिशत के बीच रहा. आईएमडी ने दिल्ली में मानसून के सामान्य रहने का पूर्वानुमान जताया है लेकिन 25 जून को राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के दस्तक देने के बावजूद पर्याप्त बारिश नहीं हुई है.

अगले 24 घंटे कैसा रहेगा मौसम?

स्काईमेट वेदर रिपोर्ट के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. वहीं, लक्षद्वीप, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, दक्षिणी राजस्थान, दक्षिणी गुजरात, ओडिशा के कुछ हिस्सों, पूर्वोत्तर भारत और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश की संभावना है. इसके अलावा बिहार, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब में भी मॉनसून में कुछ हलचल देखने को मिल सकती है.

जून महीने में 118 प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में दीर्घकालिक आवधिक औसत (एलपीए) की 118 प्रतिशत वर्षा हुई जिसे अत्यधिक बारिश माना जाता है. विभाग ने कहा कि पिछले 12 साल में, इस साल जून सबसे अधिक भीगा रहा. मानसून के सीजन में 1961-2010 के बीच देश में दीर्घकालिक आवधिक औसत (एलपीए) बारिश 88 सेंटीमीटर रही. 90-96 फीसदी के बीच बारिश ‘सामान्य से कम’ मानी जाती है और 96-104 फीसदी बारिश ‘सामान्य’ मानी जाती है. एलपीए की 104 -110 फीसदी वर्षा ‘सामान्य से अधिक’ और 110 फीसदी से अधिक वर्षा ‘अत्यधिक’ मानी जाती है.

बिहार समेत इन 6 राज्यों में कम होगी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक मध्य भारत उपसंभाग में जून में हुई वर्षा एलपीए की 131 फीसदी रही. इस क्षेत्र में गोवा, कोंकण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं. पूर्वी और पूर्वोत्तर उप संभाग में हुई वर्षा एलपीए की 116 फीसदी रही. असम में बाढ़ आई और बिहार में भी अत्यधिक बरसात हुई. हालांकि मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इन इलाकों में अगले पांच से दस दिन के भीतर बरसात में कमी आएगी.

12 जुलाई तक इन भागों में होगी जबरदस्त बारिश

उत्तरपश्चिम उप संभाग में वर्षा एलपीए की 104 फीसदी रही और दक्षिण में यह एलपीए की 108 फीसदी रही. मौसम विभाग ने जुलाई माह में एलपीए की 103 फीसदी वर्षा का अनुमान जताया है. महापात्र ने कहा, ‘जुलाई में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है.’ उन्होंने बताया कि गुजरात के तट के निकट तथा पूर्वी-मध्य भारत के ऊपर दो चक्रवात बन रहे हैं. इससे मध्य तथा दक्षिण भारत में अगले पांच से दस दिन में अच्छी बारिश होगी.

लू की चपेट में राजस्थान
मानसून के दस्तक देने के बावजूद राजस्थान के अनेक इलाके लू यानी गर्म हवाओं की चपेट में हैं. वहीं बीकानेर में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार विशेषकर पूर्वी राजस्थान में अनेक जिलों में तेज गर्मी पड़ रही है और यह आज भी जारी रहने का अनुमान है.

बीते 24 घंटे में भीलवाड़ा, झालावाड़, कोटा, करौली, बारां, चित्तौड़गढ़, अलवर व जोधपुर में हल्की से मध्यम बारिश हुई. गुरुवार को यहां कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. वहीं राजस्थान में बीकानेर, चुरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर व जोधपुर में गर्म हवाएं यानी लू चलने की संभावना है.

हरियाणा और पंजाब में उमस
हरियाणा और पंजाब में बुधवार को बहुत गर्म और उमस भरा दिन रहा और अधिकतम तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार, दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हरियाणा के हिसार में अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पंजाब के अमृतसर में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

असम में बाढ़ से 33 की मौत, 15 लाख लोग प्रभावित
असम में बाढ़ और इससे संबंधित घटनाओं में सात और लोगों की मौत हो गई. बाढ़ में 33 लोगों ने जान गंवायी हैं जबकि 24 लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हो गई. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार बुधवार को बारपेटा जिलें में 3 व्यक्तियों की और धुबरी, नगांव और नालबाड़ी में 1-1 व्यक्ति की बाढ़ जनित घटनाओं में मौत हो गई.

जबकि कछार जिले में भूस्खलन में 50 वर्षीय एक व्यक्ति मारा गया. राज्य के 33 में से 23 जिलों में रहने वाले लगभग 14.95 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही हैं.
 

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