निगम कमिश्नर को गलत जानकारी देना पड़ा महंगा, HC ने ठोका 50 हजार रु का जुर्माना

ग्वालियर
शहर में लगे अवैध होर्डिंग्स के मामले में एक जनहित याचिका पर चल रही सुनवाई के दौरान ग्वालियर नगर निगम आयुक्त द्वारा पेश रिपोर्ट की जानकारी को हाईकोर्ट ने गलत मानते हुए नाराजगी जताई और कोर्ट ने कमिश्नर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की डिवीजन बैंच में सुमन सिकरवार की जनहित याचिका पर सुनवाई की रही है। सुनवाई के दौरान नगर निगम कमिश्नर की ओर से अवैध होर्डिंग से जुड़ी रिपोर्ट पेश की गई उसे देखकर हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम द्रष्टया हमारा ये मानना है कि निगम ने गलत जानकारी देकर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया है। कोर्ट 19 जुलाई को निगम द्वारा पेश की गई उस रिपोर्ट को ख़ारिज करती है जिसमें उसने ये बताने में असमर्थता जताई थी कि अवैध होर्डिंग्स कितने समय से लगे हैं ?इससे ये मालूम होता है कि निगम अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की राशि 15 दिन के अन्दर उच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करानी होगी। और साथ ही सही स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करनी होगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि रिपोर्ट में ये बताना होगा कि कौन सा होर्डिंग कितने समय के लिए लगाया गया और सम्बंधित एजेंसी से कितना जुर्माना वसूला गया। इसके अलावा निगम ने अवैध होर्डिंग्स हटाने के लिए क्या प्रयास किये ये भी बताना होगा। और यदि अगली रिपोर्ट में ऐसा नहीं किया जाता है तो नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और नगर निगम आयुक्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा। मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

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