जब अमित शाह ने आडवाणी और जोशी से मांगी माफी: ऑफ द रिकॉर्ड

 
नई दिल्ली 

राजधानी में इन दिनों ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोदी-शाह की जोड़ी पार्टी के दिग्गज और वयोवृद्ध नेताओं लाल कृष्ण अडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की नाराजगी दूर करने में जुट गई है। यह कवायद इंटैलीजैंस की उस रिपोर्ट के बाद शुरू की गई जिसके मुताबिक ये नेता अन्य असंतुष्टों के साथ एक ‘टी पार्टी’ रख सकते हैं। चुनाव में टिकट न दिए जाने के बाद जोशी ने अडवानी को मिलने के लिए बुलाया था।

आखिरकार वे भाजपा के संस्थापक हैं और वे चाहते थे कि पार्टी अध्यक्ष को उनसे निजी तौर पर मिलकर यह बताना चाहिए था कि पार्टी की नई नीति तहत 75 और इससे अधिक उम्र के नेताओं को चुनावी दंगल से दूर रखा जा रहा है। अमित शाह ने उनसे अलग-अलग मुलाकात की और उनसे इस बात के लिए माफी मांगी कि उन्हें पार्टी की नई नीति बारे बताने के लिए निजी तौर पर नहीं बुलाया गया। शाह ने उनसे यह भी कहा कि उन्हें अपने आधिकारिक बंगलों को खाली करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वे जैड प्लस कैटेगरी में आते हैं। लाल कृष्ण आडवाणी 30 पृथ्वीराज रोड पर रहते हैं जबकि जोशी 6 रायसीना रोड पर रहते हैं। 
हालांकि इस मुलाकात बारे आडवाणी और जोशी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। कहा जा रहा है कि जोशी इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि जब पार्टी के महासचिव राम लाल श्री आडवाणी को यह बताने गए कि उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा तो लाल कृष्ण अडवानी ने चुप्पी साधे रखी। राम लाल ने विकल्प के तौर पर उनके बेटे जयंत या बेटी प्रतिभा को राज्यसभा अथवा लोकसभा की सीट भी ऑफर नहीं की। 
उधर, आनंदीबेन पटेल की बेटी अनारा सीट के लिए मजबूत दावेदार थी और मोदी के गुजरात से चुनाव न लडऩे के फैसले के बाद भाजपा को किसी मजबूत उम्मीदवार की जरूरत भी थी। यह चर्चा सिर्फ अफवाह ही साबित हुई कि अडवानी के बेटे जयंत को भाजपा ने टिकट देने का प्रस्ताव रखा है। आडवाणी चाहते थे कि उनकी बेटी प्रतिभा को टिकट दिया जाए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।  

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