खुदकुशी दर में कमी लाने प्रशासन चलाएगा ‘नवजीवन अभियान’

महासमुंद 
छत्तीसगढ़ प्रदेश आत्महत्या के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान पर है और महासमुंद जिला आत्महत्या के मामले में अव्वल है. ऐसा राष्ट्रीय स्तर पर 2015 में हुए एक सर्वे से पता चला है कि छत्तीसगढ़ में प्रति 1 लाख की जनसंख्या पर 28 व्यक्तियों द्वारा आत्महत्या किया जा रहा है. महासमुंद जिले के आंकड़ों की बात करे तो महासमुंद जिले की जनसंख्या 1032754 है. इसमे पुरूष 511967 और महिला 520787 है. पिछले तीन सालों के आत्महत्या के आंकड़ों पर गौर करे तो साल 2017 में 273 ,साल 2018 में 298 और साल 2019 में 1 जनवरी से 31 मई तक 121 लोगों ने खुदकुशी की है. 

इस प्रकार तीन सालों में 692 लोगों ने जहर ,फांसी ,आग और अज्ञात कारणों आत्महत्या की है. उम्र के अनुसार खुदकुशी करने में 21 से 30 वर्ष के लोगों की संख्या इन तीन वर्षों में सबसे ज्यादा 219 है. व्यवसाय के तुलना की बात करे तो विगत तीन वर्षों में सबसे ज्यादा मजदूरी करने वाले 279 लोगों ने उसके बाद कृषि व्यवसाय से जुड़े 129 लोगों ने आत्महत्या किया है.

महासमुंद जिले में आत्महत्या की दर में कमी लाने एवं उसके रोकथाम के लिए जिला प्रसाशन ने एक अच्छी पहल करते हुए ग्राम ,संकुल , विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिसे नाम दिया है ‘‘नवजीवन अभियान‘‘ . इसी कड़ी में नवजीवन अभियान के तहत जिला पंचायत सभागार में एक कार्याशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने नवजीवन अभियान के तहत सभी से सहयोग की अपील करते हुए पूरे कार्ययोजना के बारे में बताया. 

योजना की जानकारी देते हुए कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने बताया कि नवजीवनन अभियान के तहत जिले के सात विभाग स्वास्थ्य विभाग , राजस्व , पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग , महिला एवं बाल विकास , शिक्षा विभाग ,समाज कल्याण और आदिम जाति कल्याण विभाग को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सखा और सखी का चयन किया जाएगा, जो अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे लोगों को चिन्हाकिंत करेंगे जो तनाव और अवसाद से ग्रसित हो. 

ऐसे लोगों को पहचान कर उन्हें आत्महत्या करने से रोकने का प्रयास के साथ उन्हें उचित मार्गदर्शन और चिकित्सा मुहैया कराने का कार्य किया जाएगा. इस योजना के संदर्भ कलेक्टर सुनील कुमार जैन का कहना है कि नवजीवन अभियान के माध्यम से हम अगर लोगों को आत्महत्या करने से रोक सके तो ये हमारी सबसे बड़ी उपलब्धी होगी.

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