ओडिशा के 12 जिलों में अलर्ट, NDRF की टीमें तैनात, चक्रवाती तूफान की रफ्तार तेज
नई दिल्ली
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना दबाव चक्रवात में बदलने लगा है. जो बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तट की तरफ तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार (17 मई) को बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) के तेज होने के बाद पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के लिए अलर्ट जारी किया है. भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर एचआर बिस्वास ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अगले 12 घंटों में और तेज होने की संभावना है. जो 18 मई यानी सोमवार को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. इस दौरान तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका है. मछुआरों को समंदर तट पर ना जाने की सलाह दी गई है.
तेज हवा और बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान अम्फान से तटीय ओडिशा में 18 मई को हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश होने का अनुमान है. साथ ही अंडमान-निकोबार आइलैंड समेत कई जगहों पर भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है. तूफान की वजह से ज्यादातर तटीय राज्यों में बारिश हो सकती है.
मछुआरों को समंदर किनारे ना जाने की सलाह
मौसम विभाग की ओर से मछुआरों को 18 से 20 तारीख के बीच ओडिशा और बंगाल के तटों के समंदर किनारे ना जाने की सलाह दी गई है. इसके अलावा जो मछुआरे समंदर तट पर मौजूद हैं, उन्हें भी 17 मई तक लौटने के लिए कहा गया है. मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे मछली पकड़ने के लिए 17 मई तक बंगाल की दक्षिणी खाड़ी में, 17 व 18 मई के दौरान केंद्रीय खाड़ी में और 19 व 20 मई के दौरान बंगाल की उत्तरी खाड़ी में ना जाएं.
ओडिशा में NDRF की टीमें तैनात
चक्रवाती तूफान अम्फान के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट हैं. एनडीआरएफ के डीजी ने रविवार को बताया कि ओडिशा में 10 टीमें भेज दी गई हैं, इसके साथ ही हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
वहीं, एनडीआरएफ के साथ सशस्त्र बल और भारतीय तटरक्षक बल को भी अलर्ट पर रखा गया है. विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना के जहाज अलर्ट मोड में हैं. जहाजों में अतिरिक्त गोताखोर, डॉक्टर और राहत सामग्री तैयार है. इसमें खाने के सामान, तम्बू, कपड़े, दवाएं, कंबल आदि पर्याप्त मात्रा में शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बचाव और राहत प्रयासों को बढ़ाने के लिए जेमिनी बोट्स और मेडिकल टीमों के साथ बचाव दल भी तैयार हैं.