उत्तर प्रदेश के मजदूरों को 100 बसों से किया गया रवाना

भोपाल

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान की घोषणा 'मध्यप्रदेश की सीमा पर जो भी मजदूर पैदल चलता हुआ प्रवेश करेगा, उसे खाना-पानी-छाया की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाते हुए वाहनों से उनके राज्य की सीमा तक निःशुल्क पहुंचाया जायेगा'', के प्रथम दिन ही महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश की सीमा में बड़ी बिजासन से प्रवेश करने वाले हजारों मजदूरों को 100 बसों से देवास भिजवाया गया। अब ये मजदूर देवास प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं का लाभ लेते हुए अपने प्रदेश, उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचेंगे।

इसी तरह कोरोना संक्रमण के कारण अन्य प्रदेशों में फँसे श्रमिकों की वापसी लगातार जारी है। अभी तक 50 ट्रेने विभिन्न राज्यों से मध्यप्रदेश आ चुकी हैं। इसमें लगभग 60 हजार श्रमिक प्रदेश लाये गये हैं। इसी प्रकार सड़क मार्ग से करीब एक लाख 74 हजार श्रमिक वापस आए हैं। राजस्थान, गुजरात एवं महाराष्ट्र से बसों के माध्यम से प्रदेश की सीमा पर आने वाले श्रमिकों को जिलों में और दूसरे राज्यों की सीमाओं तक पहुँचाया गया है।

राजस्थान सरकार द्वारा परिवहन निगम की बसों द्वारा लगभग 40 हजार श्रमिकों को आगर, नीमच, गुना और श्योपुर बार्डर पर पहुँचाया गया है। इन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों में राज्य शासन द्वारा पहुँचाने की व्यवस्था की गई है। पिछले 10 दिनों से अलीराजपुर और झाबुआ बार्डर पर प्रतिदिन 7 से 8 हजार श्रमिक आ रहे हैं। इन्हें विभिन्न जिलों में पहुँचाने के लिये प्रतिदिन 70 से अधिक बसें लगी हुई हैं।

महाराष्ट्र की ओर से आने वाले श्रमिकों के लिये सेंधवा बार्डर पर पिछले 10 दिनों से 100 से अधिक बसें श्रमिकों को विभिन्न जिलों में पहुँचाने का कार्य कर रही हैं। सागर में 25 से ज्यादा बसें लगी हैं, जो बुंदेलखण्ड के जिलों में श्रमिकों को पहुँचाने के साथ ही मालथोन और ललितपुर भी श्रमिकों को पहुँचा रही हैं। छतरपुर में 20 बसें, सिवनी में 15 और बालाघाट में 20 बसें लगातार श्रमिकों को पहुँचा रही हैं। यह सभी प्रदेश के बार्डर के जिले हैं, वहाँ दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों को उनके स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। इसके अलावा कोटा से 3 हजार विद्यार्थियों को 150 बसें भेजकर लाया गया है।

राज्य शासन द्वारा 12 मई से इस व्यवस्था को और प्रभावी बनाया गया है। विभिन्न जिलों में पूर्व से संचालित बसों के अलावा 375 नई बसों का इंतजाम किया गया है। सभी जिलों में श्रमिकों के भोजन, अस्थाई ठहरने, पेयजल, चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं।

बड़वानी

बड़वानी कलेक्टर  अमित तोमर ने बताया कि महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने वाले ऐसे मजदूर जो अपने वाहनों-साधनों के द्वारा प्रवेश कर रहे है, उन्हें खाना-पानी-छाया की सुविधा देकर रवाना किया जा रहा है। ऐसे मजदूर जो महाराष्ट्र की सीमा से पैदल चलकर मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें छाया-पानी-खाना-स्वास्थ्य परीक्षण की निःशुल्क सुविधा के साथ अधिग्रहीत की गई बसों से देवास भेजा जा रहा है, जहाँ से ये मजदूर अपने राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचेंगे।

जो मजदूर रात्रि को पैदल मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करेंगे, उन्हें बड़ी बिजासन मंदिर प्रांगण में लगे विशाल शेड में ही रूकवाकर रहने-खाने-पीने की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। प्रातः इन्हें नाश्ता-खाना खिलाने के बाद बस से देवास पहुंचाया जायेगा। यह कार्य तब तक जारी रहेगा, तब तक महाराष्ट्र से मजदूर पैदल आते रहेंगे।

कलेक्टर ने बताया कि इसी प्रकार दूसरे राज्य मजदूरी करने गये हमारे जिले के ऐसे मजदूर जो शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई ट्रेन सुविधा का लाभ लेते हुये मेघनगर, रतलाम, भोपाल, इटारसी, शाजापुर, खण्डवा रेल्वे स्टेशन पर आ रहे हैं, उन्हें भी बस सुविधा उपलब्ध करवाते हुये जिले में लाया जा रहा है। यहाँ इन्हें निःशुल्क खाना – पानी एवं स्वास्थ्य परीक्षण के बाद घरों तक बसों से ही पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी तक ट्रेन से आने वाले 5157 मजदूरों को 166 बसों से लाकर उनके घरों तक पहुंचाया गया है। यह कार्य सतत जारी है।

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