जानिए सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा अधिक क्यों होता है इससे कैसे बचें जानें

जानिए सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा अधिक क्यों होता है इससे कैसे बचें जानें

सर्दियों के मौसम में दिल के दौरे का खतरा अधिक बढ़ जाता है और इसके पीछे कई कारण होते हैं। ठंड का असर खासतौर पर दिल और रक्तवाहिकाओं पर पड़ता है। इन कारणों से सर्दियों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, खासकर दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए। हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में कठिनाई, ठंडे पसीने आना, चक्कर आना और कंधे, गर्दन या बाजू में दर्द शामिल होते हैं। अगर ये लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें

सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है

ठंड के मौसम में शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है। इससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

सर्दियों में शरीर का तापमान गिरने पर खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। अगर यह थक्का हृदय की धमनियों में फंस जाता है, तो दिल के दौरे हो सकता है।

ठंड में ब्लड प्रेशर स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है क्योंकि दिल को शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। यह भी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाता है।

सर्दियों में लोग आमतौर पर कम चलते-फिरते हैं, जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। यह दिल के लिए जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि शारीरिक गतिविधि की कमी से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।

सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक बचाब

सर्दियों में हार्ट अटैक के मरीज़ों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

सर्दियों में दिल के मरीज़ों को गर्म कपड़े पहनने चाहिए

सर्दियों में दिल के मरीज़ों को गर्म वातावरण में रहना चाहिए

सर्दियों में दिल के मरीज़ों को अतिरिक्त गर्म कपड़ों से ढक कर रखना चाहिए

सर्दियों में दिल के मरीज़ों को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए

सर्दियों में दिल के मरीज़ों को नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करनी चाहिए

अगर दिल के दौरे के लक्षण दिखाई दें (जैसे कि सीने में दर्द, सांस की कमी, ठंडे पसीने आना), तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सेवा को बुलाएं। हार्ट अटैक का समय पर इलाज बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि पहले 1 घंटे में इलाज मिलने से गंभीर नुकसान को रोका जा सकता है।