CW ट्राइब्यूनल के लिए जस्टिस सीकरी मनोनीत
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी ने सरकार की ओर से कॉमनवेल्थ सीक्रेट्रियाट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल में भेजे जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इससे पहले सरकारी सूत्रों की ओर से यह कहा जा रहा था कि जस्टिस एके सीकरी को लंदन स्थित कॉमनवेल्थ सीक्रेट्रियाट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल के सदस्य के लिए मनोनीत किया गया है। हालांकि इस पर विवाद छिड़ गया था और कांग्रेस ने सीबीआई डायरेक्टर को हटाए जाने पर उनकी सहमति से इसे जोड़ा था और सरकार से जवाब मांगा था।
माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते ही सीकरी ने अब सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी, जस्टिस एके सीकरी और मल्लिकार्जुन खड़गे की तीन सदस्यीय कमिटी ने 2-1 से आलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला लिया था। सीकरी और पीएम मोदी ने उन्हें हटाने पर मुहर लगाई, जबकि खड़गे इसके विरोध में थे।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने के आखिरी में सीकरी का नॉमिनेशन तय किया गया था। कहा जा रहा है कि तब उन्होंने जिम्मेदारी संभालने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाद में सवाल उठने पर इनकार कर दिया। सीकरी 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने वाले हैं। कॉमनवेल्थ सीक्रेट्रियाट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल का गठन सीक्रट के मेमोरेंडम का पालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। इस मेमोरेंडम को 2005 में नए सिरे से तैयार किया गया था।
इस ट्राइब्यूनल में सदस्यों की मनोनयन 5 साल के लिए किया जाता है और उनकी सदस्या को एक बार ही रीन्यू किया जा सकता है। 7 मार्च, 1954 को जन्मे एके सीकरी 12 अप्रैल, 2013 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। इससे पहले वह पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं।