छिंदवाड़ा: सरकारी रिकॉर्ड में ‘मृत’, हकीकत में जिंदा–लाडली बहना संध्या मंडराह के लिए सरकारी दफ्तर बने परेशानी
लाडली बहना योजना समेत कई सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहीं संध्या मंडराह पिछले 10 महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही। वजह यह है कि सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें अगस्त 2024 में मृत घोषित कर दिया गया है। इस गलती के कारण उन्हें संबल योजना, विधवा पेंशन, लाडली बहना योजना और मुफ्त राशन जैसी सुविधाएं मिलना बंद हो गई हैं।
पति की मौत के बाद खुद को जीवित साबित करने की जंग
संध्या मंडराह के पति की मृत्यु 11 मई 2024 को हुई थी। मजदूरी कर परिवार चलाने वाले उनके पति की मौत के बाद संध्या संबल योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि के लिए नगर निगम पहुंचीं, लेकिन वहां उन्हें बताया गया कि सरकारी रिकॉर्ड में वह खुद मृत घोषित हो चुकी हैं।
बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई, मजदूरी करने को मजबूर
सरकारी योजनाओं से बाहर कर दिए जाने के बाद संध्या का परिवार आर्थिक संकट में आ गया है। उनके बेटे नितिन (22) और नवीन (17) ने पढ़ाई छोड़ मजदूरी शुरू कर दी है।
10 महीने से भटक रही संध्या, कोई नहीं कर रहा मदद
संध्या महिला बाल विकास विभाग, नगर निगम, सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई में कई बार आवेदन दे चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। अब वह सरकार से अपील कर रही हैं कि उन्हें कागजों में जिंदा घोषित कर योजनाओं का लाभ फिर सेदिया जाए।