CBI जांच पर छलका अखिलेश का दर्द- पहले कांग्रेस ने कराई, अब बीजेपी की बारी
नई दिल्ली
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अवैध खनन के आरोप में सीबीआई की छापेमारी को न सिर्फ गठबंधन से जोड़ा है, बल्कि इस बहाने उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है. यूपी में गठबंधन से कांग्रेस को लगभग आउट कर चुके अखिलेश यादव ने ताजा घटनाक्रम का हवाला देते पुराना दर्द बयां किया और कहा कि पहले कांग्रेस उनकी सीबीआई जांच करवा चुकी है, अब बीजेपी की बारी है.
दरअसल, 2012 से 2016 के बीच राज्य में कथित खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने शनिवार को लखनऊ में आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला के घर पर छापा मारा था. सीबीआई ने बुंदेलखण्ड में अवैध खनन के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर चंद्रकला समेत 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. खनन घोटाले के दौरान यूपी का खनन विभाग तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था, जिसके चलते उनके ऊपर सीबीआई पूछताछ की तलवार लटक रही है.
सीबीआई पूछताछ के सवाल पर उन्होंने रविवार लखनऊ में कहा कि वह सीबीआई का सामना करने के लिए तैयार हैं लेकिन जनता भी भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'अब हमें सीबीआई को बताना पड़ेगा कि गठबंधन में हमने कितनी सीटें वितरित की हैं. मुझे खुशी है कि भाजपा ने कम से कम अपना रंग दिखा दिया. इससे पहले कांग्रेस ने हमें CBI से मिलने का मौका दिया था और इस बार भाजपा है जिसने हमें यह मौका दिया है.'
अखिलेश यादव ने कहा 'सपा इस कोशिश में है कि ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें जीते. जो हमें रोकना चाहते हैं, उनके पास सीबीआई है. एक बार कांग्रेस ने सीबीआई जांच करायी थी और मुझसे पूछताछ हुई थी. अगर भाजपा यह सब कर रही है, सीबीआई मुझसे पूछताछ करेगी, मैं (उन्हें) जवाब दूंगा लेकिन जनता भाजपा को जवाब देने के लिये तैयार है.'
2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी नेतृत्व को परास्त करने के लिए जहां राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस गैर-बीजेपी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, यूपी में कांग्रेस के बिना बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ चुनावी समर में उतरने का मन बना चुके अखिलेश यादव ने सीबीआई जांच के बहाने कांग्रेस का अतीत याद दिलाकर अटकलों को और हवा दी है. हालांकि, कांग्रेस अभी अखिलेश यादव के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस के बड़े नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जो भी बीजेपी के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ छापेमारी की जाती है.
बहरहाल, बात जहां तक सपा-बसपा गठबंधन की है तो अखिलेश कह चुके हैं कि करीब एक हफ्ते में इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि मायावती जी और वह स्वयं मिलकर इसका फैसला लेंगे. लेकिन कांग्रेस को क्या एंट्री मिल पाएगी, इसे लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है.