90 लाख की ठगी की आरोपी साध्वी रीना छिंदवाड़ा लाई गई, टॉयलेट का बहाना बनाकर पुलिस को दिया था चकमा
सोमवार शाम को होशंगाबाद के चंद्रकला गांव से 90 लाख रूपये की धोखाधड़ी और कोर्ट को गुमराह की आरोपी साध्वी लक्ष्मी दास अंततः नाटकीय घटनाक्रम के बाद दबोच ली गई। हालाकि इस मामले में साध्वी के पी ए मनीष सोनी सागर निवासी अभी भी फरार है।
सोमवार को छिंदवाड़ा पुलिस ने घंटों की मेहनत के बाद उसे होशंगाबाद जिले के शिवपुर थाना क्षेत्र में चंद्रकलां गांव से पकड़ा है। बताया जाता है कि फरारी के दौरान वो यहां पर धार्मिक अनुष्ठान करा रही थी, तभी पुलिस ने उसे घेर लिया। लेकिन जब उसे पुलिस के आने की भनक लगी तो वो चुपके से भाग गई, बाद में पुलिस ने उसे नाव से जाकर दबोच लिया। यहां बता दें कि अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद साध्वी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसपीएल) लगाई थी, लेकिन पांच जून को सुनवाई के दौरान यह याचिका खुद ही वापस ले ली गई था। इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 19 मई को अग्रिम जमानत खारिज करते हुए सख्त टिप्पणियां की थी। कोर्ट ने कहा था कि साध्वी और उनके भाई ने जानबूझकर
अदालत से तथ्य छिपाए और उसे गुमराह करने की कोशिश की। कोर्ट ने दोनों की भूमिका को प्रथम दृष्टया संदेहास्पद माना था और गिरफ्तारी से बचने का कोई ठोस आधार नहीं पाया था। हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद साध्वी लक्ष्मी दास फरारी काट रही थी, इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि वो होशंगाबाद के शिवपुर थाना क्षेत्र के चंद्रकलां गांव के समीप है, जिसके बाद पुलिस ने उसे वहां जाकर गिरफ्तार कर लिया। स्पेशल टीम उसे लेकर छिंदवाड़ा निकल चुकी है, जिसे आज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
फरारी में कर रही थीअनुष्ठान
महिनों पुराने इस मामले में साध्वी लक्ष्मीदास ने बचने के काफी प्रयास किए, लेकिन कहीं भी राहत नहीं मिल पाई। बताया जाता है कि इसके बाद वो कुछ दिनों से होशंगाबाद नर्मदापुरम के शिवपुर थाना क्षेत्र के चंद्रकलां गांव में अनुष्ठान कर रही थी। ये खबर पुलिस को लग गई, इसके बाद पुलिस ने वहां घेराबंदी की और अनुष्ठान की समाप्ति का इंतजार करने लगी। लेकिन तभी लक्ष्मीदास वहां से चकमा देकर निकल गई, इसके बाद पुलिस नाव का सहारा लेकर एक गांव गई और वहां से साध्वी को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है 90 लाख की धोखाधड़ी का मामला?
यह मामला छिंदवाड़ा जिले के चांद क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध रामजानकी मंदिर, लोनीकलां से जुड़ा है।
मंदिर के वर्तमान महंत ने आरोप लगाया कि मंदिर के पूर्व महंत स्व. कनक बिहारी दास ने मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की थी।उनके निधन के बाद उनके बैंक खाते में जमा 90 लाख रुपये की राशि गायब हो गई।सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना नॉमिनी के खाता होने के बावजूद ये राशि किसी ने निकाल ली।
किस पर है आरोप?
इस मामले में साध्वी लक्ष्मी दास (असली नाम रीना रघुवंशी) और एक बैंक मैनेजर पर गबन और धोखाधड़ी का आरोप है।
मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी अदालतों में जमानत के लिए भटकती रही, लेकिन राहत नहीं मिली। इस मामले में साध्वी के पी ए मनीष सोनी सागर निवासी अभी भी फरार है। धोखाधड़ी की आरोपी ने मनीष सोनी के बैंक खाते में 50 लाख रूपये की राशि ट्रांसफर किए थे।पुलिस को अभी तक मनीष सोनी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है वही पुलिस टीम आरोपी साध्वी को लेकर मंगलवार सुबह छिंदवाड़ा पहुंची है।पूछताक्ष के बाद कोर्ट में पेश करेगी।