हाथियों की मौत पर कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा

हाथियों की मौत पर कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा

ख़बर मध्यप्रदेश:मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के बांधवगढ टाइगर रिज़र्व में पिछले सप्ताह हुए 10 हाथियों की मौत पर मोहन सरकार को घेरते हुए कहा की मोहन राज पूरी तरह से दोहन राज बन चुका है। उन्होंने अपने सोशल पोस्ट के माध्यम से कहा की मध्यप्रदेश के बांधवगढ टाइगर रिज़र्व में पिछले सप्ताह 10 हाथियों की मौत ने हम सबको झंकझोर कर रख दिया है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार की बेशर्मी यहीं ख़त्म नहीं होती है, 10 हाथियों की मौत की ज़िम्मेदार सरकार की लापरवाही ने पिछले तीन वर्षों में 93 बाघों की भी जान ले ली है।

पिछले 3 वर्ष की अवधि में 93 बाघों की मौत को सामान्य नहीं कहा जा सकता है। टाइगर स्टेट का तमग़ा हासिल करने वाले राज्य में बाघों की मौत का यह आँकड़ा सरकार की बड़ी लापरवाही का नतीजा है। याद रहे ! 93 बाघों की मौत एक सार्वजनिक डाटा है, हक़ीक़त में मौतों की यह संख्या इससे कहीं ज़्यादा भी हो सकती है।

हैरानी की बात है कि यह सरकार न तो मानव जीवन की रक्षा कर पा रही है, न ही इसके राज में वन्यजीव सुरक्षित हैं। मेवा और मलाई की लूट में मस्त बीजेपी सरकार का जनता से संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है। कमीशनखोरी और ठेकेदारों से मोलभाव में व्यस्त सरकार भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुकी है। पूरे प्रदेश में संगठित लूट का बीजेपी मॉडल काम कर रहा है। अफसर शक्ति विहीन हैं, सरकार दृष्टिविहीन हैं। दलाल और माफिया सक्रिय हैं, जाँच और सुरक्षा एजेंसियाँ निष्क्रिय हैं। अब मध्यप्रदेश के लिये बीमारू राज्य और जंगलराज जैसे शब्द छोटे नज़र आ रहे हैं। बीजेपी के पदाधिकारी वन्यजीव से लेकर पहाड़, जंगल और जमीन, सब कुछ खा रहे हैं। मोहन राज पूरी तरह से दोहन राज बन चुका है।