हर्रई-अमरवाड़ा में बिजली क्रांति: अति उच्च दाब उपकेंद्र से ग्रामीण इलाकों में रोशनी और उम्मीदों का उजाला

छिन्दवाड़ा।
हर्रई-अमरवाड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए अब बिजली संकट बीते दिनों की बात हो चली है। टी.सी.टी.बी योजना के अंतर्गत हर्रई में स्थापित अति उच्च दाब उपकेंद्र ने पूरे इलाके की बिजली व्यवस्था को नई मजबूती प्रदान की है। इस परियोजना से न केवल बिजली आपूर्ति सुचारु हुई है, बल्कि क्षेत्र के किसानों के जीवन में भी विकास की नई उम्मीदें जगी हैं।

पुरानी व्यवस्था से जूझते रहे ग्रामीण

बीते वर्षों तक हर्रई-अमरवाड़ा क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति अमरवाड़ा से गुजरने वाली 33 केवी लाइन पर निर्भर थी। यह लाइन घने जंगलों से होकर गुजरती थी, जिससे समय-समय पर मेंटेनेंस कर पाना मुश्किल होता था। वोल्टेज में लगातार उतार-चढ़ाव और ट्रिपिंग जैसी समस्याएं आम हो गई थीं। वैकल्पिक तौर पर नरसिंहपुर से आपूर्ति की व्यवस्था की जाती थी, लेकिन नियंत्रण स्थानीय न होने से यह भी स्थिर समाधान नहीं बन पाया।

स्थानीय नियंत्रण से स्थिर आपूर्ति

अब नव-निर्मित अति उच्च दाब उपकेंद्र के माध्यम से क्षेत्र के सभी उपकेंद्रों को अलग-अलग फीडरों से जोड़ा गया है। इससे हर गांव को जरूरत के अनुसार स्थिर और लगातार बिजली मिल रही है। ट्रिपिंग की समस्या लगभग समाप्त हो गई है और बिजली की आपूर्ति दिन-रात अबाधित बनी हुई है।

किसानों को मिली बड़ी राहत

इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिला है। पहले वोल्टेज गिरने और ट्रिपिंग के कारण मोटर जलने की घटनाएं आम थीं, लेकिन अब स्थिर वोल्टेज मिलने से सिंचाई कार्य सुचारु हो गए हैं। खेतों में समय पर सिंचाई हो पा रही है, जिससे उत्पादन बढ़ा है और लागत भी घटी है।

और भी गांव जुड़ेंगे नई व्यवस्था से

हड़ई और बटकाखापा क्षेत्रों में दो और फीडरों का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इसके पूरा होते ही और अधिक गांव भी इस मजबूत व्यवस्था से लाभान्वित हो सकेंगे।

विकास का नया अध्याय

यह परियोजना हर्रई-अमरवाड़ा क्षेत्र के लिए केवल रोशनी की व्यवस्था नहीं, बल्कि विश्वास और विकास का नया आधार बनकर उभरी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पहल ने उनके जीवन की बड़ी समस्याओं को हल कर दिया है।