श्रीरामलीला:सुग्रीव से मित्रता कर श्रीराम ने किया बाली वध
श्रीरामलीला मंडल द्वारा छोटी बाजार में चल रही श्रीरामलीला में गुरुवार को सुग्रीव मित्रता एवं बाली वध की लीला का मंचन किया गया।
समिति के संयोजक द्विवेदी ने बताया कि लीला का आरंभ माता शबरी प्रसंग से हुआ। भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में माता शबरी की कुटिया पर पहुँचते हैं। वर्षों से प्रभु की प्रतीक्षा कर रही शबरी उनके आगमन से आनंदित हो उठती है। वह प्रभु को बेर अर्पित करती हैं, जिन्हें चख-चख कर वह भगवान को देती हैं ताकि कोई खराब फल प्रभु को न मिले। श्रीराम यहां शबरी को नवधा भक्ति का वरदान देते हैं।
इसके बाद कथा किष्किंधा पहुँचती है, जहाँ श्रीराम की मुलाकात सुग्रीव से होती है। सुग्रीव अपनी पीड़ा सुनाते हैं और बाली के अत्याचारों की चर्चा करते हैं। भगवान श्रीराम उनसे मित्रता का संकल्प लेते हुए बाली का वध करते हैं और सुग्रीव को किष्किंधा का राज्य सौंप देते हैं।
आज की लीला में होगा विशेष
मंडल के अशोक चौरसिया एवं भोला सोनी ने बताया कि आज की लीला में सुग्रीव अपनी सेना को माता सीता की खोज का आदेश देंगे। वानर सेना समुद्र तट पर पहुँचकर पार जाने में असमर्थता जताएगी। जामवंत हनुमान जी को उनकी अपार शक्ति का स्मरण कराएंगे। इसके बाद हनुमान जी समुद्र लांघकर लंका पहुँचेंगे, माता सीता का पता लगाएंगे, लंका दहन करेंगे और लौटकर श्रीराम को सीता का संदेश सुनाएंगे।
कलाकारों ने किया सजीव अभिनय
मंडल के आकाश सोलंकी एवं समकित जैन ने बताया कि शबरी प्रसंग और बाली वध की मुख्य लीला में शबरी की भूमिका धीरज डेहरिया ने निभाई।
सुग्रीव – श्रीकांत द्विवेदी
बाली – मंडल संरक्षक सतीश दुबे
तारा – राजू माहोरे
अंगद – प्रजीत दुबे
हनुमान – संतोष कुशवाह
श्रीराम – रजत पांडे
लक्ष्मण – आयुष शुक्ला
सम्पाती – संतोष नामदेव