भाई-बहन के अटूट प्रेम की कहानी जिसमें भाई ने मरकर भी बहन का वादा निभाया
बुंदेलखंड के ओरछा नगर में आज भी भाई-बहन के अटूट प्रेम की कहानी इतिहास के सुनहरे पन्नों पर दर्ज है। यहां स्थित लाला हरदौल के चबूतरे पर बुंदेलखंड की हर बहन राखी लेकर आती है, क्योंकि लाला हरदौल ने मरने के बाद भी अपनी बहन का साथ निभाया था। इसी कारण बुंदेलखंड की हर बहन उन्हें अपना भाई मानती है।
शादी का पहला निमंत्रण लाला हरदौल को दिया जाता है
बुंदेलखंड में जब किसी परिवार में लड़की या लड़के की शादी होती है, तो पहला निमंत्रण लाला हरदौल को दिया जाता है जब किसी लड़की की शादी का समय आता है, तो सबसे पहले निमंत्रण लाला हरदौल को दिया जाता है। मान्यता है की हरदौल जी को शादी का पहला निमंत्रण देने से शादीमें कोई समस्या नहीं आती, मान्यता अनुसार लाला हरदौल ने मरने के बाद भी अपनी बहन का साथ निभाया था। बुन्देलखंड में बहन के घर पर शादी में मामा का महत्व बहुत होता है हरदौल जी की बहन कुंजावती की बेटी की जब शादी हुई तब कुंजावती बहुत व्याकुल थी क्योंकि उनका भाई हरदौल पहले ही मारा जा चूका था
जिसके कारण कुंजावती बहुत दुखी थी इससे व्याकुल होकर वह लाला हरदौल के चबूतरे पर जाकर प्राथना करती है की “हरदौल, तुम्हारे भांजी की शादी है और सारे कार्य तुम्हें करने हैं।” इसके बाद जब शादी का समय आया तो वहां पर सामान पहुंचाने के लिए बैलगाड़ियों का तांता लग गया, और लाला हरदौल प्रकट हुए और अपने भांजे-दामाद को दर्शन दिए। तब से लेकर आज तक बुंदेलखंड में लाला हरदौल को लोकनायक के रूप में पूजा जाता है।