प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले लक्ष्मी कौरव नजरबंद — ग्वालियर में रात 12 बजे पुलिस ने रोका भोपाल रवाना होना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल में रविवार को आयोजित लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जयंती उत्सव पर विशेष कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण पर होने वाली बातचीत में शामिल होने जा रहीं भिंड जिले की दबोह तहसील की आशा/आशा सहयोगिनी श्रमिक संगठन की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव को पुलिस ने ग्वालियर में नजरबंद कर दिया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग महिला संगठनों की कार्यकर्ताओं से संवाद करने वाले थे।
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https://youtu.be/_Bt_DS0W9zY?si=7Q7AGtexkykT2tJl
लक्ष्मी कौरव शनिवार शाम को दबोह से ग्वालियर पहुंचीं थीं और दीनदयाल नगर स्थित अपने निवास पर रुकी हुई थीं। रात करीब 1 बजे भोपाल के लिए ट्रेन से रवाना होने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन उससे पहले ही रात 12 बजे पुलिस ने उनके मकान को घेराबंदी कर नजरबंद कर दिया।
‘महिलाओं के मन की बात नहीं सुनना चाहते प्रधानमंत्री’
लक्ष्मी कौरव का आरोप, महिला सशक्तिकरण पर संवाद से डर रही है सरकार
दैनिक भास्कर डिजिटल से बातचीत में लक्ष्मी कौरव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ अपनी ‘मन की बात’ सुनाना चाहते हैं, लेकिन जब जमीनी स्तर पर काम करने वाली महिलाओं की बात सुनने का मौका आता है, तो सरकार डर जाती है। उन्होंने कहा कि वह इस कार्यक्रम में जाकर आशा/आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं की स्थायीत्व, उचित मानदेय और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखना चाहती थीं।
उन्होंने कहा कि—
“आशा कार्यक्रम को स्थाई किया जाए। स्वास्थ्य संगठनों को निजी संस्थाओं में तब्दील होने से रोका जाए। महिला श्रमिकों को उनके जीवन यापन के लिए उचित मानदेय दिया जाए। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वो निचले तबके की महिला कर्मियों के हितों के लिए ठोस कदम उठाएं।”