पूर्व राज्यपाल के फर्जी लेटरहेड मामले में बड़ी कार्रवाई: महामंडलेश्वर अजय रामदास वर्मा के बाद गीतेश पराड़कर गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुईया उइके के नाम से जारी फर्जी पत्र के मामले में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। करीब पांच साल पुराने इस जालसाजी प्रकरण में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा से महामंडलेश्वर अजय रामदास वर्मा को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी पर आरोप है कि उसने राज्यपाल के आधिकारिक लेटरहेड और हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर एक फर्जी पत्र जारी किया था, जिसमें बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए गए थे।
छत्तीसगढ़ पुलिस की पूछताछ में अजय वर्मा ने एक और नाम उगला—गीतेश पराड़कर, उम्र 39 वर्ष, निवासी साई मंदिर रोड, बड़ावन (छिंदवाड़ा)। इसके बाद रायपुर पुलिस ने छिंदवाड़ा कोतवाली की मदद से गीतेश पराड़कर को भी हिरासत में ले लिया है।
क्या है पूरा मामला?
सितंबर 2019 में एक फर्जी पत्र वायरल हुआ था, जिस पर तत्कालीन राज्यपाल अनुसुईया उइके के हस्ताक्षर थे। इस पत्र में भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात कही गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल के निर्देश पर उनके विशेष सचिव ने रायपुर के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
मुख्य आरोपी था भेष बदलकर छिपा
मुख्य आरोपी अजय रामदास वर्मा छिंदवाड़ा में पहचान छुपाकर रह रहा था। छत्तीसगढ़ पुलिस की विशेष टीम ने उसे गिरफ्तार कर रायपुर लाया और सिविल लाइन थाना में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई।
जांच में खुला दूसरा नाम
पूछताछ के दौरान वर्मा ने इस फर्जीवाड़े में छिंदवाड़ा निवासी गीतेश पराड़कर का नाम लिया, जिसके बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस दोनों आरोपियों से विस्तृत पूछताछ कर रही है और मामले की गहराई से जांच जारी है।