पूर्णिया में अंधविश्वास की आग में झुलसी ज़िंदगी: डायन बताकर पूरे परिवार को जिन्दा जलाया, बेटा अकेला बचा
बिहार के पूर्णिया ज़िले से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक खौफनाक वारदात सामने आई है। अंधविश्वास के अंधेरे में डूबे लोगों ने एक महिला को ‘डायन’ बताकर उसके पूरे परिवार को आग के हवाले कर दिया। इस हृदयविदारक घटना में परिवार के पांच सदस्यों की जलकर मौत हो गई, जबकि एकमात्र बेटा किसी तरह जान बचाकर बाहर निकला।
घटना पूर्णिया के बायसी थाना क्षेत्र के एक गांव की है, जहां पीड़ित महिला पर लंबे समय से डायन होने का शक जताया जा रहा था। इसी शक के चलते ग्रामीणों ने घर में आग लगा दी, जिसमें महिला के साथ उसका पति, बेटी और दो अन्य परिजन जलकर खाक हो गए।
बेटे की आंखों देखी गवाही:
इकलौता बचा बेटा इस त्रासदी का चश्मदीद गवाह है। उसने बताया कि कुछ लोगों ने पहले से ही उसकी मां को डायन मानकर दुश्मनी पाल रखी थी। इस घिनौने आरोप ने उसके पूरे परिवार की जान ले ली।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई:
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और पूरे मामले की छानबीन तेज़ कर दी गई है। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
समाज पर सवाल:
यह घटना न सिर्फ एक जघन्य अपराध है, बल्कि समाज में अंधविश्वास और अज्ञानता की गहराई को भी उजागर करती है। सवाल यह है कि 21वीं सदी में भी लोग ‘डायन’ जैसे अंधविश्वास पर कैसे विश्वास करते हैं, और कब तक इसकी आड़ में निर्दोषों की जान जाती रहेगी?