पितरों का श्राद्ध करते समय अंगूठे से क्यों दिया जाता है जल विस्तार से जानें

पितरों का श्राद्ध करते समय अंगूठे से क्यों दिया जाता है जल विस्तार से जानें

श्राद्ध कर्म करते समय जब पिंडों पर जल अर्पित किया जाता है तो अंगूठे के माध्यम से पानी दिया जाता है। साथ ही कुशा की अंगूठी उंगली पर पहनी जाती है। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे

पितृपक्ष वह समय है जब हम अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हैं। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान पितरों के लिए किया जाता है।  इन सभी कर्मों को करने के भी कुछ नियम होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर क्यों पिंडदान करते समय अंगूठे के माध्यम से पिंडों पर जल अर्पित किया जाता है

शास्त्रों में कहा गया है की अगर आप श्राद्ध पक्ष के दौरान अंगूठे के माध्यम से पितरों को जल अर्पित करते हैं तो उनकी आत्मा को तृप्ति प्राप्त होती है।आपको बता दे की सनातन धर्म में हर पूजा की अलग विधि होती है जिसके अनुरूप उसका पूजन अनुष्ठान किया जाता है इस ही प्रकार पितृ के पूजा के नियमों के अनुसार, हथेली के जिस भाग पर अंगूठा स्थित होता है, वो भाग पितृ तीर्थ माना जाता है। ऐसे में जब आप पितरों को अंगूठे के माध्यम से जल अर्पित करते हैं तो, पितृ तीर्थ से होता हुआ जल पितरों के लिए बनाए गए पिंडों तक पहुंचता है। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। इसीलिए पितरों का तर्पण करते समय अंगूठे के माध्यम से जल अर्पित करना उचित माना जाता है।