पतंजलि-डाबर च्यवनप्राश विज्ञापन विवाद : हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, कहा– हर ‘फालतू’ अपील नहीं करेंगे स्वीकार

दिल्ली हाईकोर्ट में बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने डाबर च्यवनप्राश विज्ञापनों से जुड़े अंतरिम प्रतिबंध आदेश को चुनौती दी। अदालत ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि हर “आलतू-फालतू” अपील की अनुमति नहीं दी जाएगी। जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस ओमप्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने साफ किया कि यदि अपील में दम नहीं है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

गौरतलब है कि 3 जुलाई को सिंगल बेंच ने पतंजलि के उन विज्ञापनों पर रोक लगाई थी, जिनमें अन्य कंपनियों के च्यवनप्राश को साधारण या गलत तरीके से तैयार बताया गया था। डाबर ने इसे अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला और उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला बताया था।

कोर्ट ने यह भी कहा कि पतंजलि ने अपने विज्ञापनों में हर निर्माता को यह कहकर बदनाम किया कि उन्हें च्यवनप्राश बनाना नहीं आता, जबकि इससे उन्हें कोई अपूरणीय नुकसान साबित नहीं हुआ है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।