पटाखों से बचें, सावधानी से मनाएं जश्न: जलने पर ये हैं सबसे ज़रूरी ‘क्या करें और क्या न करें’
रोशनी का महापर्व दिवाली खुशियों के साथ-साथ आतिशबाजी से जुड़े खतरों की चेतावनी भी लेकर आता है। हर साल पटाखों की लापरवाही से कई दुर्घटनाएं होती हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों और दमकल विभाग ने इस वर्ष त्योहार को सुरक्षित बनाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
लापरवाही से बचें: आतिशबाजी के दौरान 12 अहम हिदायतें
विभाग ने स्पष्ट किया है कि पटाखे हमेशा खुले स्थान पर ही जलाए जाने चाहिए, खासकर बिजली के खंभों, वाहनों और ज्वलनशील वस्तुओं से दूर। आतिशबाजी करते समय सूती (कॉटन) के कपड़े पहनना अनिवार्य है, और सिंथेटिक या ढीले कपड़ों से बचना चाहिए। सुरक्षा उपकरणों के तौर पर, हमेशा पानी की बाल्टी या रेत पास रखें, और बच्चों को बिना किसी वयस्क की निगरानी के पटाखे न जलाने दें। सबसे महत्वपूर्ण चेतावनी: हाथ में पकड़कर पटाखा न जलाएं और जो पटाखा एक बार बुझ जाए उसे दोबारा जलाने की कोशिश बिल्कुल न करें।

गंभीर चोट पर तुरंत करें ये काम
विशेषज्ञों ने जलने की स्थिति में त्वरित प्राथमिक उपचार (First Aid) पर जोर दिया है:
क्या करें: जली हुई जगह को तुरंत 10 मिनट तक बहते ठंडे पानी में रखें। इससे जलन और नुकसान कम होता है। इसके बाद घाव पर एलोवेरा जेल या कोई बर्न क्रीम लगाएँ। गंभीर चोट या छाले पड़ने पर बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें: जले हुए हिस्से पर बर्फ, टूथपेस्ट, तेल या घी जैसी कोई भी घरेलू चीज़ न लगाएँ। ये उपाय घाव को और गंभीर बना सकते हैं। यदि आँख में चिंगारी जाए, तो आँख को रगड़ें नहीं, बल्कि साफ पानी से धोकर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से मिलें।
अधिकारियों ने अपील की है कि सभी नागरिक इन सुरक्षा नियमों का पालन करें और पटाखों के धुएं और शोर को कम कर एक सुरक्षित और प्रदूषणमुक्त दिवाली मनाएं।
