नवरात्र विशेष: माँ के छठा स्वरूप माँ कात्यायनी की कथा मंदिर,मंत्र और भोग पूजा विधि जानिए।
नवरात्र विशेष: माँ के छठा स्वरूप माँ कात्यायनी की कथा मंदिर,मंत्र और भोग पूजा विधि जानिए।
मां दुर्गा का छठा स्वरूप माँ कात्यायनी के रूप में जाना जाता है। नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार महर्षि कात्यायन ने संतान प्राप्ति के लिए मां भगवती की कठोर तपस्या की। उनकी इच्छा थी कि उन्हें पुत्री प्राप्त हो। मां भगवती ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। कात्यायन की पुत्री होने के कारण माता कात्यायनी कहलायीं। सबसे पहले इनकी पूजा स्वयं महर्षि कात्यायन ने की थी। तीन दिनों तक ऋषि की पूजा स्वीकार करने के बाद देवी ने ऋषि से विदा लिया और महिषासुर को युद्ध में ललकार कर उसका अंत कर दिया इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है। माता कात्यायनी चार भुजाधारी हैं जिनमें इनके एक भुजा में शत्रुओं का अंत करने वाला तलवार है तो दूसरी भुजा में पुष्प है जो भक्तों के प्रति इनके स्नेह को दर्शाता है। तीसरी भुजा अभय मुद्रा में है जो भक्तों को भय मुक्ति प्रदान कर रहा है। चौथी भुजा देवी का वर मुद्रा में है जो भक्तों को उनकी भक्ति का वरदान देने के लिए है।
कात्यायनी पूजा विधि…
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं।
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं।
मां कात्यायनी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती अवश्य करें।
मंत्र और भोग
या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रुपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।इस मंत्र का 108 वार जप करे ।
मां कात्यायनी को शहद का भोग प्रिय है। ऐसे में पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से भक्त का व्यक्तित्व निखरता है।
माँ कात्यायनी का मंदिर :-कात्यायनी शक्ति पीठ उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृन्दावन में स्थित है। यह एक बहुत ही प्राचीन सिद्ध पीठ है जो वृन्दावन में राधाबाग के पास है।
अब हम छिन्दवाड़ा के माँ कात्यायनी देवी का मंदिर बताते है जहां जाकर आप दर्शन लाभ ले सकते है और मनोकामना पूरी कर सकते है यह मंदिर छिन्दवाड़ा रेलवे स्टेशन के समक्ष गांधी गंज क्षेत्र में स्थित है यह मंदिर अति प्राचीन है सिद्ध पीठ है यहाँ नवरात्रि के छठे दिन याने माँ का कात्यायनी स्वरूप विशेष पूजन किया जाता है ।