नरक चतुर्दशी ; यम दीपक आज शाम 5.50 से 7.2मिनिट पर लगाए: जानिए चौदस की पौराणिक कथा

देशभर में आज, 19 अक्टूबर 2025 को छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। इस पावन तिथि को नरक चतुर्दशी, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पर्व न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, बल्कि इस दिन यम देवता की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी टलता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

चतुर्दशी तिथि आज दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन कल दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा।

यम दीपक प्रज्ज्वलन: नरक चतुर्दशी पर आज शाम 05 बजकर 50 मिनट से लेकर 07 बजकर 02 मिनट तक यम का दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दौरान यमराज की पूजा करने से परिवार की सुख-शांति बनी रहती है।

काली चौदस पूजा: तांत्रिक पूजा करने वालों के लिए काली चौदस का विशेष मुहूर्त आज रात 11 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर अर्धरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

अत्याचार पर विजय की पौराणिक कथा:

छोटी दिवाली का संबंध द्वापर युग और भगवान श्रीकृष्ण से है।

पौराणिक कथा के अनुसार, नरकासुर नामक एक क्रूर राक्षस ने अपने वरदान के घमंड में तीनों लोकों में अत्याचार मचा रखा था। देवताओं के आग्रह पर भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने का निर्णय लिया। चूँकि नरकासुर को यह वरदान था कि उसका वध केवल भूदेवी (पृथ्वी माता) ही कर सकती हैं, इसलिए श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा (जो भूदेवी का अवतार थीं) को साथ लिया।

युद्ध में, नरकासुर द्वारा श्रीकृष्ण को घायल करने पर, देवी सत्यभामा ने तुरंत धनुष उठाया और अपने बाण से नरकासुर का वध कर दिया। जिस दिन यह अत्याचारी राक्षस मारा गया, वह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। इस विजय और शांति की खुशी में लोगों ने दीप जलाकर उत्सव मनाया। तभी से इस तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है, और इसके अगले दिन दीपावली का महापर्व आता है।इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और यमराज की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।