जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार के जाति प्रमाण पत्र पर विवाद, जांच के आदेश

जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार के जाति प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कलेक्टर शीलेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। इस पर प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

जाति प्रमाण पत्र पर उठे सवाल

शिकायतकर्ताओं त्रिलोकी पादक, पूनालाल कुशवाहा, शिवशंकर और रामगोपाल कोरी ने आरोप लगाया है कि संजय पुन्हार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के निवासी हैं और उनके पिता डब्ल्यूसीएल में नौकरी के कारण छिंदवाड़ा में बस गए थे। आरोप है कि गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का अवसर मिला।शिकायतकर्ताओं ने यह मामला प्रधानमंत्री, अनुसूचित जाति आयोग, मुख्यमंत्री, लोकायुक्त, कलेक्टर, सीईओ और सांसद तक पहुंचाया है।

प्रशासन ने शुरू की जांच

इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा,”जिला पंचायत अध्यक्ष के जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत मिली है। इसकी जांच की जा रही है।”

संजय पुन्हार ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय पुन्हार ने कहा,”मेरा जन्म छिंदवाड़ा जिले में हुआ है, मैं यहां पढ़ाई के साथ कई वर्षों से निवास कर रहा हूं। जाति प्रमाण पत्र को लेकर की गई शिकायत झूठी और पूरी तरह फर्जी है।”

अब इस जांच के नतीजे पर सभी की नजरें टिकी हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संजय पुन्हार के चुनाव और पद दोनों पर संकट गहरा सकता है।