महिला ने तोड़ा दम:परिजनों का आरोप – डॉक्टर ने सरकारी अस्पताल का हवाला देकर नहीं किया पूरा इलाज:नर्स ने अच्छे इलाज के लिए ₹200 मांगे:परिजन कार्यवाही पर अड़े

जिला अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत होने के बाद बड़ा हंगामा खड़ा हो गया। अमरवाड़ा के ग्राम रजोला निवासी महिला को पेट दर्द और घबराहट के चलते शाम 5 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि रात भर स्टाफ ने गंभीर लापरवाही बरती।

पहले डॉक्टर ने सिर्फ पर्ची पर दवा लिखी, फिर नर्स ने लगातार ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाईं। हालत बिगड़ने पर नर्स से रेफर करने की गुहार लगाने पर अभद्रता की गई और रेफर करने में जानबूझकर घंटों की देरी की गई, जिसके कारण मरीज ने सुबह 9 बजे दम तोड़ दिया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि रात में इंजेक्शन लगाने के लिए नर्सिंग स्टाफ ने ₹200 रुपये की रिश्वत मांगी थी।
​मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ की लापरवाही को मौत का जिम्मेदार बताते हुए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर शव के साथ प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों ने यह भी दावा किया कि महिला की मौत उल्टी-दस्त के कारण हुई है, जिसका प्रकोप उनके गांव रजोला में दूषित पानी के कारण फैला हुआ है, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन, सिविल सर्जन डॉ. रवि टांडेकर और आरएमओ मौके पर पहुंचे। परिजनों ने कलेक्टर/एसडीएम के मौके पर आने तक पोस्टमॉर्टम (PM) न कराने की मांग रखी।
​प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. रवि टांडेकर ने पीड़ित परिजनों की पूरी बात सुनी और उन्हें शांत कराने का प्रयास किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर दोषी स्टाफ पर उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की समझाइश के बाद परिजन पीएम के लिए राजी हुए, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। मौत के सही कारणों का खुलासा अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।