जिप लाइन में नहीं बैठने दिया गया, इसलिए बच गई जान: आतंकी हमले से बाल-बाल बचे नवीन पटेल, परिवार बोला– अब कभी नहीं जाएंगे कश्मीर

छिंदवाड़ा जिले के बांकानागनपुर निवासी नवीन पटेल कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के चश्मदीद बने। वे कुछ दोस्तों के साथ 19 अप्रैल को कश्मीर घूमने गए थे। इस दौरान जो घटना घटी, उससे उनका परिवार अभी भी सदमे में है।

नवीन के बेटे मंथन ने बताया कि हमले से ठीक पहले उनके पिता जिप लाइन करने वाले थे, लेकिन वजन और हाइट की वजह से उन्हें उसमें बैठने नहीं दिया गया। और यही कारण रहा कि वे उस स्थान पर नहीं थे, जहां पहला हमला हुआ। यह महज संयोग नहीं, बल्कि परिवार इसे ईश्वर की कृपा मान रहा है।

मंथन ने बताया, “पापा जिस भेलपुरी वाले से कुछ मिनट पहले भेलपुरी ले रहे थे, उसी पर पहला हमला हुआ। पापा उस समय हमारे लिए वीडियो बना रहे थे, तभी गोलियों की आवाज़ सुनाई दी। बाद में पापा ने हमें दूसरे नंबर से फोन कर बताया कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।”

नवीन की मां ने बताया, “मुझे लगातार फोन आ रहे थे, लेकिन किसी ने कुछ साफ नहीं बताया। जब वीडियो देखा तो मेरी रूह कांप गई, मैं रो पड़ी। अब तक कई बार बात हुई है, बेटा सुरक्षित है यही भगवान का आशीर्वाद है।”

परिवार के इस अनुभव ने एक गहरी छाप छोड़ी है। मंथन ने भावुक होकर कहा, “पापा के लौटने के बाद मैं भी दोस्तों के साथ कश्मीर जाने वाला था, लेकिन अब हम कभी नहीं जाएंगे। न मैं, न मेरा परिवार।”