छिंदवाड़ा में इस साल बारिश ने पकड़ी रफ्तार – मोहखेड़ में चार गुना ज्यादा, तामिया में भारी गिरावट
छिंदवाड़ा जिले में इस वर्ष मॉनसून ने अपेक्षाकृत बेहतर शुरुआत की है। वर्ष 2025 में 1 जून से 27 जून तक जिले में औसतन 138.5 मिमी बारिश हुई है, जो कि वर्ष 2024 की समान अवधि की औसत 130.1 मिमी वर्षा से लगभग 8.4 मिमी अधिक है।
यह वृद्धि मामूली दिखती है, लेकिन तहसीलवार आँकड़ों में बड़ी असमानता सामने आई है – जहाँ कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई, वहीं कुछ स्थानों पर पिछले साल से भी कम बारिश हुई।
तहसीलवार वर्षा तुलना:
तहसील वर्षा 2025 (मिमी) वर्षा 2024 (मिमी) वृद्धि/कमी (± मिमी)
मोहखेड़ 188.5 44.5 +144.0
अमरवाड़ा 186.0 206.8 -20.8
उमरेठ 181.4 140.2 +41.2
हर्रई 136.8 72.2 +64.6
छिंदवाड़ा 133.2 126.7 +6.5
चौरई 117.8 96.5 +21.3
बिछुआ 99.6 146.0 -46.4
तामिया 95.0 168.0 -73.0
परासिया, जुन्नारदेव और चांद के पिछले वर्ष के आँकड़े इस रिपोर्ट में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन वर्तमान वर्ष में इन क्षेत्रों में क्रमशः 111.7 मिमी, 123.0 मिमी और 196.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
जहां स्थिति सुधरी:
मोहखेड़ ने पूरे जिले में रिकॉर्ड बनाया है। पिछले साल की तुलना में इस बार चार गुना से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
हर्रई और उमरेठ जैसे क्षेत्र, जो अक्सर सामान्य से कम बारिश पाते हैं, इस बार मजबूत शुरुआत में हैं।
चौरई, छिंदवाड़ा मुख्यालय क्षेत्र, और परासिया जैसे तहसीलों में भी संतुलित वर्षा से किसानों में संतोष है।
जहां चिंता बरकरार:
तामिया में वर्षा में 73 मिमी की भारी गिरावट हुई है। यह इलाका पहाड़ी और आदिवासी बहुल है, जहां जलस्रोतों पर वर्षा का सीधा असर पड़ता है।
बिछुआ में भी 46.4 मिमी की कमी हुई है, जिससे वहां के किसानों की चिंता बढ़ी है।
अमरवाड़ा में बारिश तो अच्छी हुई है, लेकिन पिछले साल की तुलना में यह 20 मिमी
कृषि पर प्रभाव:
फायदे की संभावना: जिन क्षेत्रों में इस बार अच्छी वर्षा हुई है, वहां धान, सोयाबीन और मक्का की अगेती बुवाई शुरू हो चुकी है। विशेषकर मोहखेड़ और उमरेठ में खरीफ की फसलों के लिए अनुकूल स्थिति बन रही है।
चिंता के संकेत: तामिया, बिछुआ और अमरवाड़ा में वर्षा की गिरावट से बुवाई प्रभावित हो सकती है। अगर अगले 1 सप्ताह में वहां अच्छी वर्षा नहीं होती, तो बुवाई की देरी और फसल उत्पादन में कमी आ सकती है।
भविष्य की संभावना:
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार जुलाई के पहले सप्ताह में दूसरी लहर के रूप में वर्षा की तेज़ी की उम्मीद है। यदि यह पूर्वानुमान सटीक बैठता है, तो पूरे जिले में वर्षा औसत से ऊपर जा सकती है।