छिंदवाड़ा: डिप्थीरिया (गलाघोंटू) से दलेलढाना गांव में दो बच्चों की मौत, दो की हालत गंभीर
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में डिप्थीरिया (Diphtheria) के कारण एक बार फिर से हड़कंप मच गया है। तामिया ब्लॉक के दलेलढाना गांव में इस खतरनाक बीमारी से एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत हो गई है। शेष दो बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
क्या है डिप्थीरिया?
डिप्थीरिया, जिसे आम भाषा में गलाघोंटू भी कहते हैं, गले में झिल्ली बनने वाली गंभीर जीवाणुजनित बीमारी है। इस बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी यहां पढ़ें।
कैसे हुआ संक्रमण?
गांव के दुखलाल ककोडिया के छह बच्चों में से चार बच्चे बुखार और गले में सूजन से पीड़ित हो गए थे। जिला अस्पताल में जांच के दौरान डिप्थीरिया की पुष्टि हुई। एक बच्चे ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान दूसरा बच्चा भी नहीं बच पाया। शेष दो बच्चों का इलाज आइसोलेशन वार्ड में जारी है।
टीकाकरण में चूक बनी वजह?
विशेषज्ञ मानते हैं कि डिप्थीरिया अब दुर्लभ हो चुका है, क्योंकि इसके लिए बचपन में नियमित टीकाकरण किया जाता है। संभवतः राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इन बच्चों का पूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया था, जिस कारण यह संक्रमण हुआ।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
यह पहला मौका नहीं है जब छिंदवाड़ा में गलाघोंटू जैसी बीमारी सामने आई हो। वर्ष 2019 में भी महाराष्ट्र के भिवंडी में डिप्थीरिया के मामले बढ़े थे, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया था।
तत्काल जांच शुरू
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर आसपास के 29 बच्चों के सैंपल लिए हैं। सभी नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं।
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हर्षवर्धन कोडपे, आरएमओ जिला अस्पताल छिंदवाड़ा ने बताया, “यह एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक बीमारी है, सभी संदिग्ध बच्चों की निगरानी की जा रही है।”
डिप्थीरिया से बचाव के लिए क्या करें?
समय पर टीकाकरण कराएं — इम्यूनाइजेशन शेड्यूल देखें
शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें